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BIHAR NEWS - बिहार में कम हुई 'मेढ़कों' की 'टर्र-टर्र' की आवाज तो सचेत हुई बिहार सरकार, संरक्षित करने की बनाई योजना

BIHAR NEWS - बिहार में कम हुई 'मेढ़कों' की 'टर्र-टर्र' की आवाज तो सचेत हुई बिहार सरकार, संरक्षित करने की बनाई योजना

PATNA : भारत में किसानों की समृद्धि का प्रतीक माने जानेवाले मेढ़क अब बिहार से धीरे-धीरे लुप्त होने की स्थिति में पहुंच गए हैं। जहां बरसात में उनकी टर्राने की आवाज गूंजती रहती थी, वहीं इस साल मेढ़कों की आवाज बेहद कम सुनाई दे रही है। जिससे सरकार भी चिंतित है। बिहार से मेढ़कों को गायब होने से बचाने के लिए अब उनको संरक्षित करने की  तैयारी शुरू हो गई है। 

वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा मेढ़कों के संरक्षित करने के लिए अररिया में संरक्षण केंद्र बनाने जा रहे हैं। जबकि इसी तरह घड़ियालों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने बताया कि उनके संरक्षण के लिए बेतिया में काम चल रहा है।

वाल्मिकी नगर के सात बाघ कैमूर शिफ्ट करने की तैयारी

मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले 10 सालों में 7 गुणा टाइगर की संख्या बढ़ी है। साल 2023 के रिपोर्ट के मुताबिक वीटीआर में कुल 54 टाइगर हैं।

वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि यहां टाइगर की संख्या अच्छी बढ़ी है। कैमरे में भी कैप्चर किए गए हैं। वीटीआर की कुल कैपेसिटी 47 है। यहां क्षमता से 7 अधिक टाइगर हो गए हैं। जिसे कैमूर शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि  वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10.49 करोड़ रुपए वीटीआर पर खर्च किए जाएंगे।

4 करोड़ 68 लाख पौधे लगाए जाएंगे

बिहार में वन आच्छादन क्षेत्र बढ़ाने के लिए इस साल 4 करोड़ 68 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि लक्ष्य के विरुद्ध अभी तक 3.54 करोड़ पेड़ लगा दिए गए हैं। साल 2028 तक 20 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे। कुल क्षेत्रफल का 15 फीसदी जमीन पौधों से आच्छादित है। चौथी कृषि रोड मैप में इसे बढ़ाकर 17 फीसदी तक पहुंचाना है।



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