Bihar News: गोपालगंज जिले के सदर अस्पताल में एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही सामने आई है। मांझा प्रखंड के केशवपुर गांव निवासी फकरुद्दीन अहमद को सांस लेने में तकलीफ होने पर उनके बेटे जफर इकबाल ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया था।
अस्पताल में पहुंचने पर मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया, लेकिन कुछ देर बाद ही पता चला कि सिलेंडर खाली है। मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने कोई तत्काल कार्रवाई नहीं की। मरीज के परिजनों ने डॉक्टर से शिकायत की, लेकिन डॉक्टर ने मरीज को हायर सेंटर रेफर करने के बजाय मामले को टालने की कोशिश की।
इस घटना की जानकारी सिविल सर्जन डॉ. बिरेंद्र प्रसाद को मिली तो उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा और उसका एक दिन का वेतन काट दिया।
सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के संचालन के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं। एक कर्मचारी की लापरवाही के कारण प्लांट में कुछ देर के लिए खराबी आ गई थी।
इस घटना ने अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या एक जानलेवा बीमारी से पीड़ित मरीज को इस तरह की लापरवाही का शिकार होना चाहिए? क्या अस्पताल प्रशासन मरीजों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठा रहा है?
इस मामले में प्रशासन को सख्त कार्रवाई करते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।