बिहार में कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त
बिहार में इस साल की सर्दी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रविवार को राज्य ने इस सीजन की सबसे ठंडी रात देखी जब तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। पर्वतीय क्षेत्रों से आ रही सर्द हवाओं ने पूरे राज्य में ठंड का प्रकोप बढ़ा दिया है।
कोहरा और शीतलहर का अलर्ट
छपरा, कटिहार, बोधगया जैसे कई जिलों में कोहरा और शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो गई है जिससे यातायात प्रभावित हुआ है और कई ट्रेनें घंटों की देरी से चल रही हैं।
स्वास्थ्य पर असर
कड़ाके की ठंड के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। नवजात शिशु और बुजुर्ग इस ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
प्रशासन की तैयारियां
प्रशासन ने ठंड से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। गरीबों को कंबल बांटे जा रहे हैं और अलाव की व्यवस्था की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट पर रखा गया है।
लोगों को सलाह
लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे घर से निकलते समय गर्म कपड़े पहनें। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। अगर आपको सर्दी, खांसी या बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
संभावित बदलाव
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान में थोड़ा बदलाव आ सकता है। लेकिन अभी भी ठंड का प्रकोप जारी रहने की संभावना है।जैसे-जैसे शाम होती है, ठंड में वृद्धि होती जा रही है। इससे बचने के लिए लोग समय पर अपने घरों में समा रहे हैं। दिन का समय छोटा होता जा रहा है। सरकारी सेवकों के लिए यह स्थिति सबसे कठिन है, क्योंकि वे शाम तक कार्यालय में रहते हैं। जब वे घर के लिए निकलते हैं, तो एक ओर अंधेरा हो जाता है और दूसरी ओर ठंड भी बढ़ जाती है। इस स्थिति में, उन्हें ठंड को सहन करते हुए घर जाना पड़ता है। दूर-दराज के प्रखंडों में कार्यरत कर्मचारी ठंड के कारण तबादले के लिए आवेदन देने का मन बना रहे हैं।