Bihar School News: कलम के जादूगर रामबृक्ष बेनीपुरी का गांव, बेनीपुर, आज भी शिक्षा के संकट से जूझ रहा है। इस गांव का स्कूल एक जर्जर झोपड़ी जैसा दिखता है, जहां 300 से अधिक बच्चे अपनी पढ़ाई करते हैं। जबकि सरकार हाई-टेक शिक्षा का नारा लगाती है, इस गांव के बच्चों को बुनियादी सुविधाओं तक का अभाव है।
स्कूल के तीन कमरों में दो-दो टीचर एक साथ दो-दो कक्षाओं को पढ़ाते हैं। बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं और उन्हें पर्याप्त जगह या संसाधन नहीं मिल पाते। हाल ही में, एमएलसी वंशी धर ब्रजवासी ने इस स्कूल का दौरा किया था और सरकार की दावों की पोल खोली थी।
स्कूल के हेडमास्टर ने बताया कि यह एक विस्थापित गांव है और सरकार द्वारा आवंटित संसाधनों के आधार पर ही वे काम कर पाते हैं। लेकिन सवाल यह है कि जब सरकार शिक्षकों और बच्चों के भोजन पर लाखों रुपये खर्च कर सकती है, तो फिर इस स्कूल के लिए एक ठोस इमारत क्यों नहीं बनाई जा सकती?
यह विरोधाभास बेहद चिंताजनक है। एक ओर सरकार हाई-टेक शिक्षा का सपना देख रही है, और दूसरी ओर इस गांव के बच्चे बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। यह स्पष्ट है कि शिक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
रिपोर्ट- मणि भूषण शर्मा