,PATNA - बिहार के सबसे पुराने विश्वविद्यालय का दर्जा रखनेवाले पटना यूनिवर्सिटी के लिए शिक्षा विभाग ने 100 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। विश्वविद्यालय को यह राशि पीएम उषा योजना के तहत दी गई है। बीते सोमवार को स्वीकृति की अधिसूचना जारी कर दी गई।
बता दें कि पटना विश्वविद्यालय ने पीएम उषा के तहत इस ग्रांट को पाने के लिए आवेदन किया था। इस राशि का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार तथा 40 प्रतिशत राज्य सरकार अंशदान देगी। स्वीकृत राशि का प्रयोग विश्वविद्यालय की एनआइआरएफ रैंकिंग, आधारभूत संरचना, गुणवत्तापूर्ण शोध एवं रिसर्च पेपर प्रकाशन सहित विश्वाविद्यालय के कई अन्य आयामों को सुदृढ़ करने में सहूलियत होगी।
100 करोड़ रुपये ग्रांट स्वीकृत होने पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह ने बताया पीएम-यूएसएचए योजना से अनुदान मिलने से विश्वविद्यालय के पीजी विभागों के साथ कालेजों का कायाकल्प हो सकेगा। इससे विश्वविद्यालय के एनआइआरएफ रैंकिंग के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना तैयार होगी
उन्होंने बताया कि पटना विश्वविद्यालय के आधारभूत संरचना एवं शोध तथा शिक्षा के स्तर को लगातार बेहतर करने की दिशा में विश्वविद्यालय लगातार प्रयासरत है। विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं प्रशासनिक पदाधिकारी निरंतर इस दिशा में कार्यरत हैं।
इन राज्यों ने भी पेश की थी दावेदारी
इस ग्रांट को पाने के लिए बिहार के अलावा छत्तीसगढ़ ओडिशा, उत्तर प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई अन्य राज्यों विश्वविद्यालय प्रतिभागी थे।
विवि को मिले 100 करोड़ के ग्रांट को यहां किया जाएगा खर्च
छात्रों के लिए कौशल-आधारित शिक्षा आरंभ करना।
शिक्षण गुणवत्ता को बढ़ावा देना, नैक ग्रेड में सुधार के लिए संस्थानों को सहायता देना।
मान्यता ग्रेड, गुणवत्ता पहल पर अधिक जोर, उच्चतर पदोन्नति।
ई-लर्निंग/वर्चुअल लर्निंग को अपनाना, योजना के आउटपुट/परिणामों पर नजर रखना।
इसके माध्यम से स्नातकों की रोजगार से जोड़ने को लेकर कवायद करना।
बाजार से जुड़े पाठ्यक्रमों, उद्योग में प्रवेश और छात्र प्रोत्साहन के लिए वित्त पोषण।
इंटर्नशिप, उच्च शिक्षा संस्थानों के रोजगारपरकता परिणामों पर निगरानी रखना।