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Bihar Land Survey: दाखिल-खारिज में देरी पर सख्त मुख्य सचिव, अधिकारियों को सौंपी खास जिम्मेदारी

बिहार में चल रहे जमीन सर्वे के दौरान कई तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं. जिनमें से एक है लंबित परिमार्जन और दाखिल-खारिज कर मामले. अब इस पर राज्य के मुख्य सचिव ने कडा रूपख अख्तियार करते हुए अधिकारियों को खास निर्देश दिया है.

Bihar Land Survey: दाखिल-खारिज में देरी पर सख्त मुख्य सचिव, अधिकारियों को सौंपी खास जिम्मेदारी

बिहार में भूमि संबंधी मामलों को लेकर हजारों लोग लंबे समय से परेशान हैं। ऑनलाइन दाखिल-खारिज के छह लाख और परिमार्जन के आठ लाख मामले अब तक पोर्टल पर लंबित हैं। इन लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए राज्य सरकार ने गंभीर रुख अपनाया है। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने इस देरी पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को नवंबर तक इन मामलों को निपटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

हाल ही में हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने दाखिल-खारिज और परिमार्जन के लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जमीन मालिकों को इस कारण से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, और जल्द से जल्द इसका समाधान जरूरी है। मुख्य सचिव का मानना है कि राज्य में चल रहे भूमि सर्वेक्षण को सफल बनाने के लिए इन मामलों का त्वरित निष्पादन आवश्यक है।


मुख्य सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिला अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन के मामलों को चरणबद्ध तरीके से निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि अंचल स्तर पर एक विशेष अभियान चलाकर सितंबर के अंत तक लंबित मामलों की संख्या को 50% कम किया जाए, और नवंबर तक इसे 30% तक लाया जाए। इसके अलावा, परिमार्जन के मामलों का निष्पादन अक्टूबर माह के अंत तक 50% और नवंबर तक 75% तक सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।


मीणा ने अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी है कि अगर किसी प्रकार की लापरवाही या देरी पाई जाती है, तो संबंधित कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रमंडल और जिला स्तर से अंचल कार्यालयों में दाखिल-खारिज और परिमार्जन संबंधी कार्यों की गहन समीक्षा करने का निर्देश दिया है, ताकि कामकाज में पारदर्शिता और तेजी लाई जा सके। यह निर्देश आने के बाद अंचल कार्यालयों में एक विशेष अभियान के तहत मामलों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जाएगी, और इसके लिए नामित नोडल अधिकारियों द्वारा दैनिक निगरानी की जाएगी। भूमि संबंधी इन लंबित मामलों के त्वरित समाधान से हजारों जमीन मालिकों को राहत मिलने की उम्मीद है

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