Electricity rate reduced in Bihar: बिहार के 2.7 करोड़ उपभोक्ताओं को 15 पैसे प्रति यूनिट की दर से सस्ती बिजली प्रदान की जाएगी। इसका मुख्य कारण यह है कि बिजली की संरचना में सुधार के चलते 39.09 प्रतिशत बिजली हानि में कमी आई है। वर्ष 2005 में बिजली हानि 59 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 19.91 प्रतिशत रह गई है। यह सफलता बिजली संरचना के सुधार के परिणामस्वरूप प्राप्त हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पहली बार राज्य की दोनों वितरण कंपनियाँ वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो गई हैं। वितरण कंपनियों के आत्मनिर्भर होने से उपभोक्ताओं को 15 पैसे सस्ती बिजली का लाभ मिलेगा।
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के अंतर्गत राज्य के निवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार ने 15343 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया है। कृषि कार्य हेतु निर्धारित बिजली दर में 92% की छूट मिलने से किसानों को केवल 55 पैसे प्रति युनिट बिजली का खर्च उठाना पड़ रहा है। बिजली से सिंचाई करना डीजल की तुलना में दस गुना अधिक सस्ता हो गया है। राज्य के निवासियों की बिजली पर निर्भरता में वृद्धि हो रही है। 2024 में बिजली की पीक डिमांड 8005 मेगावाट रही। इसके अनुपात में 20 से 25 प्रतिशत की खपत बढ़ने की संभावना है। इस परिप्रेक्ष्य में बिजली कंपनियों द्वारा आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष 400 केवी का ग्रिड उपकेंद्र चालू किया जाएगा।
अगले वर्ष राज्य का पहला 400 केवी ग्रिड उपकेंद्र बख्तियारपुर में चालू किया जाएगा। राज्य की ट्रांसमिशन कंपनी ने पहली बार गैस इंसुलेटेड स्विच गियर तकनीक का उपयोग करते हुए पटना में तीन ग्रिड उपकेंद्रों (दीघा न्यू, मीठापुर और बोर्ड कॉलोनी) का संचालन प्रारंभ किया है। राज्य के किसानों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं, और 2024-25 में 1.50 लाख किसानों को कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस योजना के अंतर्गत राज्य के 1121 शक्ति उपकेंद्रों से 3681 कृषि फीडर्स के सोलराइजेशन की प्रक्रिया आरंभ की गई है। लखीसराय के कजरा में 254 मेगावाट और 185 मेगावाट की सौर परियोजनाओं का कार्य प्रारंभ हो चुका है। इसी प्रकार, पटना के बिक्रम में दो मेगावाट और नवादा के फुलवारिया में 10 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर पावर परियोजना का कार्य भी शुरू किया गया है।
कनेक्ट-2024 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए सबसे अधिक निवेश का एग्रीमेंट किया गया है।