PATNA : सरकारी स्कूलों में पढनेवाले छात्रों के लिए शिक्षा विभाग नित्य नए प्रयोग कर उनके शिक्षा के स्तर में सुधार करने को तत्पर है. इस सिलसिले में विभाग की तरफ से लगातार आदेश जारी कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को भी नयी नयी जिम्मेवारियां सौंपी जा रही है. अब नए आदेश के मुताबिक प्रधानाध्यापकों को राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को विश्व भर में चल रहे समसामयिक गतिविधियों से रूबरू कराना होगा.
क्या करना होगा प्रधानाध्यापकों को
शिक्षा विभाग के नए आदेश के अनुसार प्राथमिक, मध्य एवं माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिख कर हर दिन चेतना सत्र या कक्षा में देश-दुनिया की घटनाओं से रूबरू कराने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए हर जिले डीईओ कार्यालय में अध्ययन अनुश्रवण कोषांग का गठन किया गया है. इसके द्वारा हर दिन विषय तय कर स्कूलों को भेजा जाता है. जारी पत्र में कहा गया है कि शिकायत मिली है कि स्कूलों में अध्ययन अनुश्रवण कोषांग द्वारा तैयार विषय पर स्कूलों में बच्चों के बीच चर्चा नहीं होती है, जबकि निर्देश है कि चेतना सत्र के दौरान तय विषय पर प्रतिदिन चर्चा होगी, यह बहुत ही खेद का विषय है. ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर उन प्रधानाध्यापक के ऊपर कार्रवाई की जायेगी.
कोषांग को देनी होगी जानकारी
इस आदेश को लेकर सभी स्कूलों को पोस्टर उपलब्ध कराया जा रहा है. पोस्टर में क्यूआर कोड अंकित किया गया है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर चेतना सत्र की सामग्री (विषय) प्राप्त कर सकते हैं. दिये गये विषय पर विद्यालयों में लगे ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से जीवंत चेतना सत्र का संचालन करना सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रतिदिन समसामयिक घटनाओं से भी अवगत कराना है. जैसे-देश के प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर हैं, तो उसकी जानकारी बच्चों को देनी होगी और बताना होगा की प्रधानमन्त्री के विदेश जाने का मूल मकसद क्या है. इसके अलावा राज्य में बड़े बदलाव होते हैं, तो इसकी भी जानकारी बच्चों को देनी है. प्रतिदिन बच्चों को अखबार पढ़ने की आदत डालनी है. बिहार के ऐतिहासिक स्थल या पर्यटन स्थल जैसी जानकारियां देनी होगी. साथ ही प्रतिदिन के चेतना सत्र की फोटोग्राफ, लघु वीडियो बनाकर ईमेल के माध्यम से कोषांग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना होगा.