Bihar Land Survey Rule: बिहार राज्य में अब जमीन (प्लॉट) के सर्वेक्षण के लिए वंशावली प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है। हालांकि, जब अमीन आपके खेत पर सर्वेक्षण और नापी के लिए जाएंगे, तो वंशावली दस्तावेज की आवश्यकता होगी। इसके आधार पर दखल के अनुरूप रैयत के नाम से संबंधित कागजात तैयार किए जाएंगे।
दावा-आपत्ति प्रक्रिया
यदि किसी जमीन के दखल या कागजात में गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित रैयत को दावा-आपत्ति दर्ज करनी होगी।राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने प्रक्रियाओं को सरल और समयबद्ध बनाने के लिए किश्तवार (गांवों का मानचित्र तैयार करना) का समय 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया है।खानापुरी पर्चा वितरण का समय 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन, और इस पर दावा-आपत्ति दर्ज करने का समय 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन किया गया है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया
मार्च 2024 तक सभी नागरिकों को जमीन सर्वेक्षण के लिए आवेदन देना अनिवार्य है। 1 अप्रैल से यह सर्वेक्षण धरातल पर शुरू होगा।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
DIRS बिहार वेबसाइट पर जाएं।
अपनी जमीन का खाता नंबर, खेसरा नंबर, रकवा, और चौहद्दी की जानकारी भरें।
जमाबंदी रसीद (मालगुजारी रसीद) अपलोड करें।
फॉर्म जमा करें।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
अपने पंचायत या अंचल कार्यालय जाकर आवेदन करें।आवश्यक दस्तावेज, जैसे खाता नंबर, खेसरा नंबर, और मालगुजारी रसीद, साथ लेकर जाएं।
पटना जिले में जमीन सर्वे की स्थिति
पटना जिले में 1511 राजस्व ग्राम हैं:
41 ग्राम टोपोलैंड क्षेत्र में आते हैं।
170 ग्राम नगर निकाय के अंतर्गत हैं।
शेष 1300 राजस्व ग्रामों में सर्वे का काम शुरू हो चुका है।
आवेदन की प्रगति
पटना जिले के 7 लाख परिवारों से आवेदन अपेक्षित हैं।अब तक करीब 3 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो कुल का 40% है।
सर्वे टीम ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से संपर्क कर आवेदन संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है।
सर्वेक्षण में देरी को रोकने के उपाय
राजस्व विभाग ने समयसीमा बढ़ाकर प्रक्रियाओं को सरल बनाया है।ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
आवेदन और सर्वेक्षण की अहमियत
समय पर आवेदन जमा करना 1 अप्रैल से सर्वेक्षण की सुचारू शुरुआत सुनिश्चित करेगा। नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे आवश्यक जानकारी देकर अपनी जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट कराएं।