Kishore Kunal Death: पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल अनंत की यात्रा पर प्रस्थान कर चुके है।आचार्य का पार्थिव शरीर अपनी अंतिम यात्रा पर निकल चुका है।जन सैलाब अपने इस जननायक को आखिरी विदाई देने को सड़कों पर है। अपने नायक के वियोग में आम हो या खास की आंखों से आंसुओं की धारा बह रही है।इन दृश्यों को देखकर गोपाल दास "नीरज" की वो पंक्तियां याद आती है ... "आंसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा।"
अंतिम प्रणाम
आचार्य की अंतिम यात्रा गांधी सैदान से मरीन ड्राइव होते हुए गाय घाट तक पहुंचेगी। इसके बाद गांधी सेतु होते हुए गंगा और गंडक के संगम स्थली कोनहारा घाट पर शव यात्रा पहुंचेगी। दोपहर करीब दो बजे आचार्य कुणाल का अंतिम संस्कार होगा। इसके लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। IPS रहते हुए अपने कड़क,अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, अथक परिश्रम एवं ईमानदारी से किए गए कार्यों के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।
गुजरात से बिहार तक का सफर
बतौर IPS अधिकारी कुणाल किशोर का करियर बेदह शानदार रहा। महज 21 साल की उम्र में अपने पहले ही प्रयास में ही UPSC (CSE) परीक्षा पास कर ली। 1972 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस के तौर पर पहली तैनाती मेहसाणा में हुई। 1978 में अपनी जन्मभूमि बिहार आ गए। साल 2001 तक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे। वर्ष 2001 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद वे समाजसेवा के कार्यों से जुड़ गए।
एंग्री यंग मैन की छवि
ये वो दौर था जब युवा वर्ग का गुस्सा सिस्टम के खिलाफ उबाल खा रहा था। इसी समय गुजरात कैडर से किशोर कुणाल अपने गृह राज्य बिहार लौटे और यही वो दौर रहा जब महानायक अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत से लगातार संघर्ष कर रहे अमिताभ को 80 के दौर में फिल्म 'जंजीर' खातिर प्रकाश मेहरा ने चुना।।इस फिल्म ने अमिताभ की किस्मत बदलकर रख दी। एक गुस्सैल पुलिस वाले के किरदार में दर्शकों ने उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया। इसके बाद वह कई फिल्मों में ऐसे ही गुस्सैल नौजवान के रुप में नजर आए। इस वजह से अमिताभ को फिल्म इंडस्ट्री का एंग्री यंग मैन भी कहा जाता है। जिस दौर में फिल्म के हीरो अक्सर रोमांटिक फिल्में किया करते थे उस समय अमिताभ बच्चन ने अपनी फिल्मों से बॉलीवुड का ट्रेंड ही बदलकर रख दिया। देश भर युवाओं का एक बड़ा वर्ग रील लाइफ में अमिताभ बच्चन के इस एंग्री यंगमैन के एक्शन का दीवाना हो चुका था। लेकिन रियल लाइफ यानी असल जिंदगी के एंग्री यंगमैन पुलिस वाले के तौर पर आइपीएस किशोर कुणाल बिहार के युवाओं के नायक साबित हो रहे थे। एक निडर निर्भीक दिलेर और उतने ही दबंग पुलिस अधिकारी के तौर पर युवा किशोर कुणाल ने अपराध और अपराधियों के सफाये की मुहिम चला रखी थी।
श्वेतनिशा उर्फ बॉबी कांड
बतौर पुलिस अधीक्षक 5 सालों तक राज्य के विभिन्न जिलों में एसपी रहे। फिर 1983 में राजधानी के पुलिस अधीक्षक बनाए गया। लेकिन महज एक साल कुछ माह के अपने कार्यकाल में किशोर कुणाल ने अपनी जाबांजी और दिलेर पुलिस वाले की छवि को नया आयाम दिया और कब्र से श्वेतनिशा उर्फ बॉबी की लाश निकाल कर पोस्टमॉर्टम कराकर सूबे की सियासत की चुले हिला कर रख दिया। इनके पुलिसिंग के बेधड़क बेबाक अंदाज की वजह से अपराधिक गिरोहबाज हो या सत्ता पोषित सुरमा कुणाल का नाम सुनते ही उनकी पतलून गीली हो जाती और आम आदमी के दिल से इनको अपना हीरों कुबूल करने लगी थी।यानी रील लाइफ में अमिताभ बच्चन तो रियल लाइफ में किशोर कुणाल ही थे एंग्री यंग मैन। आईपीएस के रूप में विभिन्न पदों पर सेवा देते हुए 2001 में उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और धर्म आध्यात्म की दुनिया में आ गए।
कुलदीप भारद्वाज की रिपोर्ट