Indian Railway: पूर्वोत्तर बिहार के कोसी और सीमांचल क्षेत्र में रेल सुविधा के विस्तार को लेकर एक बार फिर उम्मीदों का माहौल है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भागलपुर से भीमनगर (नेपाल सीमा) तक 175 किलोमीटर लंबी रेल लाइन परियोजना के लिए संबंधित निदेशालय को विस्तृत जांच का आदेश दिया है। यह रेल मार्ग नवगछिया, चौसा, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा होते हुए प्रस्तावित है।
रेल सुविधा की कमी और नई परियोजना की जरूरत
कोसी क्षेत्र, खासकर उदाकिशुनगंज अनुमंडल, रेल सेवाओं में अब तक उपेक्षित रहा है। इस क्षेत्र में यातायात के लिए लोग केवल सड़क पर निर्भर हैं, जो पूरी तरह विकसित नहीं है। इस कारण क्षेत्र का विकास रुका हुआ है। नई रेल परियोजना से क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक बदलाव की उम्मीद है।
स्थानीय संस्थाओं का आंदोलन और मांग
रेल परियोजना की मांग को लेकर स्थानीय संस्थाएं और नागरिक लंबे समय से आंदोलनरत रहे हैं। सांसद मनोज झा ने 13 अगस्त 2024 को रेल मंत्री को पत्र लिखकर परियोजना की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने पत्र में बताया कि इस रेल मार्ग के बनने से अंग, कोसी, और सीमांचल के आठ विधानसभा क्षेत्रों के करोड़ों लोगों को फायदा होगा।
रेल मंत्री की त्वरित कार्यवाही
सांसद के पत्र पर संज्ञान लेते हुए रेल मंत्री ने त्वरित कार्यवाही का निर्देश दिया। उन्होंने निदेशालय को परियोजना की विस्तृत जांच का आदेश दिया। इस परियोजना को कोसी, सीमांचल, और अंग क्षेत्र के लिए "लाइफ लाइन" कहा जा रहा है। इसके जरिए किसानों और व्यापारियों को नए अवसर मिलेंगे।
विशेषज्ञों और स्थानीय नेताओं के विचार
प्रो. सुरेश प्रसाद साह: "यह परियोजना क्षेत्र के पिछड़ेपन को खत्म करने और विकास की रफ्तार बढ़ाने में मददगार साबित होगी।"
सत्यप्रकाश गुप्ता विदुरजी: "अंग, कोसी और सीमांचल में संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन रेल सुविधा के अभाव में उनका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है।"
यहिया सिद्दीकी: "यह रेल मार्ग पर्यटन और व्यापार के लिए नए रास्ते खोलेगा।"
संजय कुमार सुमन: "भागलपुर से भीमनगर रेल मार्ग सामरिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। नेपाल सीमा तक सीधा संपर्क रणनीतिक दृष्टिकोण से आवश्यक है।"
डा. मनोज कुमार मंडल: "नई रेल लाइन शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में नए अवसर लेकर आएगी।"
प्रो. नवल किशोर जायसवाल: "इस रेल परियोजना से मक्का किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा, और मक्का आधारित उद्योगों की स्थापना की संभावना बनेगी।"