Four Lane Road: पटना साहिब स्टेशन से गंगा किनारे पटना घाट तक फोरलेन हाईवे का निर्माण जल्द शुरू होने वाला है। करीब ढाई साल से यह परियोजना रेलवे और राज्य सरकार के बीच जमीन हस्तांतरण विवाद में अटकी हुई थी। हालांकि, सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद भी रेलवे बोर्ड स्तर पर मंजूरी रुकी हुई थी। अब अगले 15 दिनों के भीतर इस परियोजना को स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
ढाई साल से अटकी योजना
यह परियोजना 2 साल 6 महीने पहले निर्माण एजेंसी को सौंपी गई थी, लेकिन जमीन विवाद के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। यहां तक कि निर्धारित अवधि 10 महीने पहले ही समाप्त हो गई है।
परियोजना का उद्देश्य
पटना साहिब स्टेशन से पटना घाट तक रेलवे लाइन को हटाकर पटना शहर के पूर्वी इलाके की सड़क यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इस फोरलेन सड़क परियोजना को तैयार किया गया है। जमीन मिलने के बाद इसे "अटल पथ" की तरह फोरलेन सड़क में बदला जाएगा।
परियोजना से मिलने वाले लाभ
पटना सिटी की मारुफगंज मंडी और अन्य प्रमुख मंडियों से सामान लाने-ले जाने में राहत मिलेगी। लोकनायक गंगा पथ से पटना साहिब स्टेशन तक पहुंचना सुगम होगा। पूर्वी पटना की करीब 10 लाख की आबादी को जाम से राहत मिलेगी।
परियोजना की स्थिति
पटना साहिब स्टेशन से पटना घाट तक 550 मीटर लंबी रेलवे भूमि पर 4 लेन सड़क बनाने के साथ-साथ पटना सिटी क्षेत्र में तीन परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। नुरूद्दीन घाट से धर्मशाला घाट तक 2.9 किमी एलिवेटेड रोड का निर्माण। गंगा पथ दीदारगंज जंक्शन से कच्ची दरगाह-विदुपुर 6 लेन ब्रिज एप्रोच तक 750 मीटर 4 लेन सड़क का निर्माण। पटना साहिब से पटना घाट तक 4 लेन सड़क का निर्माण। इन परियोजनाओं को 495 करोड़ रुपये की लागत से पूरा करने का जिम्मा जुलाई 2022 में एक एजेंसी को दिया गया था। एजेंसी ने नुरूद्दीन घाट और धर्मशाला घाट तक का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। हालांकि, पटना साहिब से पटना घाट हिस्से में जमीन न मिलने के कारण यह परियोजना अधूरी है।
निर्माण में देरी का कारण
जमीन विवाद के चलते काम समय पर शुरू नहीं हो सका। एजेंसी को फरवरी 2024 तक इन परियोजनाओं को पूरा करना था, लेकिन पटना साहिब से पटना घाट के हिस्से में अड़चन बनी रही। अब जमीन हस्तांतरण के बाद इस फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा, जिससे पटना सिटी और पूर्वी पटना के लोगों को बेहतर सड़क सुविधाएं मिलेंगी।