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BIHAR POLICE NEWS - खुल गया राज! आर एस भट्टी ने क्यों छोड़ा बिहार डीजीपी का पद! वजह जान आप हो जाएंगे दंग

BIHAR POLICE NEWS - बिहार के पूर्व डीजीपी आरएस भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। जहां अभी वह सीआईएसएफ के प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अब उनके सेंट्रल में जाने को लेकर बड़ी खबर सामने आई है क्यों आरएस भट्टी ने डीजीपी की जिम्मेदारी छोड़ा

BIHAR POLICE NEWS - खुल गया राज! आर एस भट्टी ने क्यों छोड़ा बिहार डीजीपी का पद! वजह जान आप हो जाएंगे दंग
भट्टी ने क्यों छोड़ा बिहार, खुला राज- फोटो : कुलदीप भारद्वाज

PATNA - बिहार की महागठबंधन की नीतीश सरकार जिनके पार्टनर तेजस्वी यादव थे ने बड़े अरमानों और उम्मीदों संग बिहार कैडर में वरीयता को दरकिनार करते हुए सेंट्रल डेपुटेशन पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पूर्वी कमान के एडीजी के पद पर कार्यरत रहे 1990 बैच के राजविंदर सिंह भट्टी को बिहार पुलिस की कमान सौंपी थी। दावा किया जाता है कि भट्टी को तत्कालीन महागठबंधन सरकार में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पसंद के आधार पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार में बुलाया गया था। आरएस भट्टी 18 दिसंबर 2022 को बिहार के DGP बनाए गए और उनका कार्यकाल डीजीपी के तौर पर 30 सितंबर 2025 तक का था। उनकी छवि एक सख्त अधिकारी की रही है। हालांकि बतौर डीजीपी भट्टी का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा और सूबे में कानून व्यवस्था को लेकर उन पर लगातार सवाल उठते रहे। लेकिन महज 20 माह बाद ही डीजीपी का पद छोड़ भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति चले गए। आरएस भट्टी किसी राज्य के पुलिस महानिदेशक रहते हुए केंद्रीय केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में डायरेक्टर जनरल बनने वाले पहले व्यक्ति बन गए। 

बिहार पुलिस के DGP का पद आर एस भट्टी ने क्यों छोड़ा इसका स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया था। आरएस भट्टी के बिहार से अचानक जाने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई गई। कयासबाजी भी हुई। कईयों का मानना रहा है कि राज्य सरकार के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं थे, जबकि अन्य का कहना रहा कि वो खुद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते थे। दावा किया गया कि आरएस भट्टी सरकार के 'लगातार हस्तक्षेप' से नाखुश थे। खबरों के मुताबिक, आरएस भट्टी तबादलों और नियुक्तियों में पूरी तरह से स्वतंत्रता चाहते थे, लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं चाहती थी। कहा जा रहा था कि आरएस भट्टी और मुख्यमंत्री के बीच इसी मुद्दे को लेकर कई बार तनातनी भी हुई थी और फिर भट्टी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने खातिर कवायद शुरू कर दी तो राज्य सरकार ने भी एनओसी देने में कोताही नही बरती और सेंट्रल डेपुटेशन पर जाने का रास्ता साफ कर दिया। 

लेकिन अब न्यूज़ 4 नेशन आपको उस सच से रूबरू कराने जा रहा है जो आपके होश उड़ा देगा। दरअसल,बिहार के पूर्व डीजीपी आर एस भट्टी ने अपने कैरियर ग्रोथ और एक केंद्रीय एजेंसी के प्रमुख बनने की संभावनाओं को देखते हुए बिहार को अलविदा कहा है। अब आप सोच रहे होंगे आखिर वो कौन सी केंद्रीय जांच एजेंसी है?आइए आपको सिलसिलेवार ढंग से हर हकीकत से रूबरू कराते है। दअरसल,CBI डायरेक्टर बनने की रेस में शामिल है बिहार पुलिस के पूर्व DGP आर एस भट्टी।

नए सीबीआई निदेशक की रेस 

प्रवीण सूद 1986 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अफ़सर हैं. उन्हें तीन साल पहले कर्नाटक का डीजीपी बनाया गया था। सूद मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। आइपीएस सूद ने अपनी शिक्षा आईआईटी-दिल्ली से पूरी की है। उन्हें 2024 में रिटायर होना था, लेकिन सीबीआई के निदेशक के तौर पर उन्हें दो साल का कार्यकाल मिल गया, इसकी मियाद  25 मई 2025 को पूरी हो रही है। 

सीबीआई के पास IPC में 69 केंद्रीय कानूनों,18 राज्य अधिनियमों और 231 अपराधों से संबंधित अपराधों की जांच करने का अधिकार क्षेत्र है।सीबीआई का नेतृत्व एक निदेशक करता है।सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया, योग्यता मानदंड और नियुक्ति से जुड़े अहर्ता के हर कसौटी को जानिए और समझिए 

सीबीआई निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया

सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा की जाती है। एसीसी में प्रधानमंत्री, गृह मामलों के मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता या सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी शामिल होती है। नियुक्ति की प्रक्रिया गृह मंत्रालय द्वारा पात्र अधिकारियों से आवेदन आमंत्रित करने के साथ शुरू होती है।

सीबीआई निदेशक के लिए आवश्यक पात्रता

CBI के निदेशक के पद के लिए पात्र होने के लिए, एक अधिकारी के पास भारतीय पुलिस सेवा (IPS) या अन्य अखिल भारतीय सेवाओं में न्यूनतम 30 वर्ष की सेवा होनी चाहिए। अधिकारी के पास एक साफ रिकॉर्ड होना चाहिए और किसी भी आपराधिक मामले या विभागीय जांच में अभियुक्त नहीं होना चाहिए। अधिकारी के पास जांच, खुफिया जानकारी एकत्र करने और अभियोजन का भी अनुभव होना चाहिए।

बिहार कैडर के IPS राजविंदर सिंह भट्टी सीबीआई में बतौर DIG नियुक्त रहे है। खुफिया जानकारी एकत्र करने और अभियोजन का भी तगड़ा अनुभव है।उपरोक्त सभी अहर्ताओं को न केवल पूरा करते है बल्कि केंद्र सरकार की गुड लिस्ट और साफ सफ़्फ़ाक़ छवि के आइपीएस अधिकारियों की लिस्ट में शुमार करते है। वर्तमान में दिल्ली में ही बिहार के डीजीपी का पद छोड़कर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के प्रमुख बन गए हैं। मतलब आप खुद समझ सकते है। 

DoPT ने CBI प्रमुख खातिर नामों की लिस्ट

सूत्रों के मुताबिक, DoPT ने सीबीआई प्रमुख के पद के लिए अहर्ता पूरी करने वाले योग्य नामों की प्रारंभिक सूची बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।गृह मंत्रालय द्वारा पात्र अधिकारियों से आवेदन आमंत्रित करने प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी है।अबतक कुल 32 अधिकारियो को सूचीबद्ध किया गया है।यह सूची में लगभग सौ से सवा सौ अधिकारियों को शामिल किया जाता है। सूची में शामिल अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड, व्यक्तिगत विवरण और अन्य दस्तावेज सहेजने की प्रक्रिया भी आरम्भ की जा चुकी है। इस सूची को फिर अनुभव और योग्यता की कसौटी पर कसकर छोटा किया जायेगा। डीओपीटी के सूत्रों ने बताया है कि अब तक की जानकारी के मुताबिक 1989, 1990 और 1991 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को इस लिस्ट में डाला जा रहा है।

रिपोर्ट - कुलदीप भारद्वाज

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