Story of IAS Shweta Bharti: बिहार की श्वेता भारती ने न केवल BPSC परीक्षा पास की, बल्कि UPSC सिविल सर्विस परीक्षा में भी शानदार सफलता पाई। उनकी मेहनत और लगन हमें सिखाती है कि सीमित संसाधन भी बड़ी सफलता दिला सकते हैं। उनके जीवन की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो संघर्ष और कठिन परिस्थितियों के बीच अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं। श्वेता का सफर आसान नहीं थी आइए उनकी सफलता के पीछे के संघर्ष पर एक नजर डालते हैं।
श्वेता भारती का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
श्वेता का जन्म बिहार के नालंदा जिले में हुआ। एक साधारण परिवार में पली-बढ़ी श्वेता ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पटना के इशान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन पूरा किया।
प्राइवेट जॉब और UPSC की तैयारी
ग्रेजुएशन के बाद श्वेता को विप्रो में नौकरी मिली, लेकिन उनका सपना IAS बनने का था। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वे नौकरी छोड़ने का साहस नहीं कर सकीं। उन्होंने रात में पढ़ाई और दिन में जॉब के संतुलन से अपने लक्ष्य को हासिल किया।
संघर्ष और मेहनत का नतीजा
श्वेता ने BPSC 65वीं परीक्षा में रैंक हासिल करने के बाद कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) के रूप में काम किया। लेकिन उनके सपने यहीं नहीं रुके। 2021 में UPSC में 356वीं रैंक के साथ उन्होंने IAS बनने का सपना साकार किया। बता दें कि श्वेता UPSC सिविल सर्विस साल 2021 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं। वो फिलहाल बिहार के भागलपुर में बतौर असिस्टेंट कलेक्टर पोस्टेड हैं।
बिहार से हर साल निकलते हैं IAS
बिहार हर साल देश को कई IAS अधिकारी देकर यह साबित करता है कि समर्पण और दृढ़ता के साथ हर सपना साकार किया जा सकता है। यह राज्य न केवल अपनी संस्कृति और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां के युवा आज भी देश के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत कर रहे हैं। औसतन 15-20 उम्मीदवार UPSC सिविल सेवा परीक्षा में हर साल सफल होते हैं।