Bihar Bandh: छात्र परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आयोग ने इस पर स्पष्ट रूप से इनकार किया है। रविवार को छात्रों पर बल प्रयोग और वाटर कैनन का उपयोग भी किया गया। इस बीच, सोमवार को बिहार बंद का ऐलान किया गया है, जिसका प्रभाव अब दिखाई देने लगा है।पटना में BPSC छात्रों के आंदोलन के समर्थन में और छात्रों के ऊपर लाठीचार्ज के खिलाफ दरभंगा में AISA - RYA के साथ युवा राजद कार्यकर्ताओं के द्वारा बिहार बंद का असर देखने को मिला। दरभंगा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारी ने दरभंगा से दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस का चक्का जाम कर अपनी आवाज को बुलंद किया। आंदोलनकारियों ने BPSC परीक्षा को रद्द करने के साथ साथ शिक्षा माफिया पर नकेल कसने की मांग की।
वही आंदोलन का नेतृत्व कर रहे युवा राजद के महानगर राकेश नायक ने कहा कि हम लोग आज बिहार के नौजवान के आवाज व आंदोलन को बुलंद करने के लिए सड़क पर उतरे हैं। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार उनके आवाजों का दमन कर रही है। यहां के नौजवान गरीब व किसान परिवार से आते हैं। जिस प्रकार से यहां के नौजवान अपनी शिक्षा दीक्षा को पूरा करते हैं। उसके बाद जब भी देश में बड़े परीक्षा होते हैं। यहां के शिक्षा माफियाओं के द्वारा परीक्षा में गड़बड़ी कर उनके भविष्य के साथ खेलवाड़ करते है।
वही उन्होंने कहा कि यहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद भाजपा के चुंगल में है। यहां के स्टूडेंट के ऊपर जो अत्याचार हो रहा है। उसी के खिलाफ उनके आंदोलन को मजबूत करने के लिए उतरे हैं। जिस प्रकार पटना के गर्दनीबाग में छात्र शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। उसी क्रम में एक छात्र की मौत हो जाती है। जिसमें सरकार की मिलीभगत साफ तौर पर नजर आ रही है। इसीलिए सरकार से हम लोगों की मांग है की पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिले। ताकि उस नौजवान की आत्मा को शांति मिले। वहीं उन्होंने कहा कि उनके शहादत को हम लोग कहीं से भी कमजोर नहीं होने देंगे। अगर बिहार की सरकार नीतीश कुमार बीपीएससी की परीक्षा को रद्द नहीं करती है। तो इस आंदोलन को और भी उग्र किया जाएगा।
रिपोर्ट- वरुण ठाकुर