Muzaffarpur - चाणक्य ने घनानंद के दरबार में अपमानित होने के बाद एक वाक्य कहा था जो आज तक प्रासंगिक बना हुआ है। चाणक्य ने कहा था कि शिक्षक कभी साधारण नहीं होते। प्रलय और निर्माण दोनों उसके गोद में पलते हैं। ऐसा ही मामला आज देखने को मिला जब तिरहुत स्नातक उपचुनाव के परिणाम आए तो चाणक्य के पंक्ति को कई लोगों ने दोहराया है।
शिक्षक उनके पक्ष में गोलबंद दिखे
दरअसल शिक्षक नेता बंशीधर बृजवासी सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। इसी साल जुलाई के महीने में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस के के पाठक से टकराने के कारण उन्हें यह बर्खास्तगी झेलना पड़ा। बर्खास्त होने के बाद भी वंशीधर लगातार जिले के शिक्षकों के हक हुकूक की लड़ाई लड़ रहे थे। इस चुनाव के दौरान भी बंशीधर बृजवासी को शिक्षको का खूब साथ मिला । चुनाव के दौरान शिक्षक उनके पक्ष में गोलबंद दिखे। लंबे समय से तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद सीट पर काबिज रहने वाली जदयू के प्रत्याशी के हार का कारण वो शिक्षक बने।
बिहार सरकार के द्वारा निलंबित किया गया था
जिसे बिहार सरकार के द्वारा निलंबित किया गया था। इस चुनाव के प्रचार प्रसार अभियान को देखे तो दोनों गठबंधन के शीर्ष स्तर के सभी नेता यहां प्रचार प्रसार करने पहुचें। लेकिन स्नातक मतदाता और विशेषकर जिले के शिक्षकों ने वंशीधर बृजवासी के पक्ष में एकतरफा गोलबंद होकर वोट किया और बंशीधर की जीत सुनिश्चित की । इस चुनाव के फाइनल रिजल्ट के बाद वंशीधर बृजवासी कोकुल 27744 वोट आए और उन्हें विजयी घोषित कर दिया गया हैं ।
RO ने जीत का सर्टिफिकेट सौंपा
जीत के बाद तिरहुत मंडल के कमिश्नर व RO एम सरवनन ने जीत का सर्टिफिकेट सौंपा। वहीं जीत का सर्टिफिकेट मिलते ही बंशीधर ब्रजवासी ने सरकार पर हमला बोला और कहा कि ये जीत संघर्ष की जीत हैं। सरकार ने शिक्षकों को बहुत प्रताड़ित किया हैं, इसका जवाब शिक्षकों ने दिया हैं।
रितिक की रिपोर्ट