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Solar Energy Train: अब सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन की बिहार से होगी शुरुआत! बिजली,डीजल से मिलेगी मुक्ति,आत्मनिर्भर बनेगा भारतीय रेलवे...

भारतीय रेल ने आत्मनिर्भर भारत के तहत 2030 तक मालदा जोन में 33 बिलियन यूनिट बिजली उत्पादन और कार्बन उत्सर्जन शून्य करने का लक्ष्य रखा है। सौर ऊर्जा से ट्रेनों के संचालन की योजना।

Solar Energy Train: अब सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन की बिहार से होगी शुरुआत! बिजली,डीजल से मिलेगी मुक्ति,आत्मनिर्भर बनेगा भारतीय रेलवे...
बिहार से सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन की शुरुआत- फोटो : freepik

Indian Railway: आत्मनिर्भर भारत अभियान को साकार करने के लिए भारतीय रेल ने अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को खुद पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। रेलवे ने 2030 तक मालदा जोन में बिजली उत्पादन को 21 बिलियन यूनिट से बढ़ाकर 33 बिलियन यूनिट तक पहुंचाने की योजना बनाई है। इस दौरान कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य रखते हुए, भारतीय रेल दुनिया की सबसे बड़ी नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन करने वाली सरकारी इकाई बनने की दिशा में अग्रसर है।

रेलवे की इस पहल से वातावरण में हर साल 35 मिलियन टन कार्बन डायऑक्साइड का उत्सर्जन रोका जा सकेगा। जमालपुर क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के किनारे खाली जमीनों का उपयोग सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए किया जाएगा। रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने इसके लिए सर्वेक्षण भी कराया है, जिसमें मालदा टाउन से लेकर किऊल तक सोलर प्लांट लगाने की योजना है। इस योजना के तहत शुरुआती चरण में 500 केवी क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया जाएगा।

सौर ऊर्जा से ट्रेनों का परिचालन

रेलवे भविष्य में ट्रेनों को सौर ऊर्जा से संचालित करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए रेलवे खाली पड़ी जमीनों पर सोलर पैनल लगाएगा। सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली सीधे ग्रिड में जाएगी, जो ट्रेनों को ऊर्जा आपूर्ति करेगा। इस योजना के सफल होने पर रेलवे को बिजली खरीदने पर होने वाला करोड़ों रुपये का वार्षिक खर्च बचाया जा सकेगा। साथ ही, रेलवे बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

जमालपुर: सौर ऊर्जा उत्पादन का हब

भारतीय रेल ने पूर्व रेलवे के तहत जमालपुर को सौर ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनाने की योजना बनाई है। यहां खाली जमीनों पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे, जिनका संचालन और रखरखाव रेल इंजन कारखाना प्रशासन द्वारा किया जाएगा।

वर्तमान में जमालपुर रेल इंजन कारखाने में:

पीपीपी मोड के तहत 3.7 मेगावाट और कैपेक्स मोड के तहत 260 किलोवाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। ऊर्जा बचत के लिए एलईडी लाइटिंग और अन्य ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग कर 30% ऊर्जा खपत कम की गई है।

इसके अतिरिक्त, 500 किलोवाट का एक सोलर प्लांट पहले से स्थापित है।

रेलवे का सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता का लक्ष्य

रेलवे की यह पहल न केवल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है, बल्कि ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह परियोजना रेलवे के परिचालन खर्च को कम करने और हरित ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन देने का एक अनूठा उदाहरण है।

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