एक्टर पंकज त्रिपाठी पर टूटा दुखों का पहाड़, मां का हुआ निधन, 89 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
एक्टर पंकज त्रिपाठी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पैतृक गांव में 89 वर्षीय मां का निधन हो गया है। परिवार ने इसकी पुष्टि की है।
Gopalganj - बॉलीवुड के लोकप्रिय अभिनेता पंकज त्रिपाठी की मां हेमवती देवी, का देहांत हो गया है। उनका निधन शुक्रवार, 31 अक्टूबर को उनके पैतृक निवास, बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड स्थित परिवार के पुश्तैनी घर में हुआ। हेमवती देवी 89 वर्ष की थीं और कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं। मां के निधन से अभिनेता बहुत दुखी हैं और इस समय गहरे शोक में हैं।
परिवारजनों के बीच ली अंतिम सांस, पंकज त्रिपाठी थे पास
हेमवती देवी ने अपने सभी परिवारजनों के बीच शांतिपूर्वक अंतिम सांस ली। पंकज त्रिपाठी, जो अपने पारिवारिक मूल्यों और जड़ों से जुड़े रहने के लिए जाने जाते हैं, अपनी मां के अंतिम समय में उनके साथ ही थे।
पंकज त्रिपाठी के परिवार ने जारी किया बयान
त्रिपाठी परिवार की ओर से इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। बयान के अनुसार, बयान में कहा गया है, "हमें यह बताते हुए अत्यंत दुख हो रहा है कि पंकज त्रिपाठी की प्रिय माता, श्रीमती हेमवती देवी का शांतिपूर्वक स्वर्गवास हो गया है। उनका निधन शुक्रवार, 31 अक्टूबर को परिवार के गृह नगर बेलसंड, गोपालगंज (बिहार) में हुआ। वे 89 वर्ष की थीं और कुछ समय से अस्वस्थ थीं। उन्होंने अपने परिवारजनों के बीच नींद में ही शांतिपूर्वक अंतिम सांस ली। पंकज त्रिपाठी उनके पास ही थे।”
शनिवार को हुआ अंतिम संस्कार
पंकज त्रिपाठी की मां श्रीमती हेमवती देवी का अंतिम संस्कार अगले दिन, शनिवार को बेलसंड में किया गया। इस अंतिम विदाई में केवल करीबी परिजन, रिश्तेदार और मित्र ही शामिल हुए। इस कठिन और दुखद समय में, परिवार ने सभी शुभचिंतकों और मीडिया से प्राइवेसी (निजता) बनाए रखने का विनम्र अनुरोध किया है।
मां का जीवन पर गहरा प्रभाव: अनुशासन और विनम्रता के संस्कार
अभिनेता पंकज त्रिपाठी के जीवन और व्यक्तित्व पर उनकी मां श्रीमती हेमवती देवी का गहरा प्रभाव था। पंकज त्रिपाठी अक्सर सार्वजनिक मंचों पर यह कहते रहे हैं कि उनकी मां ने ही उनमें अनुशासन, विनम्रता और करुणा के महत्वपूर्ण संस्कार डाले। गोपालगंज के एक किसान परिवार से आने वाले पंकज त्रिपाठी अपनी सफलता के शिखर पर पहुँचने के बाद भी, अपने गांव, माता-पिता और सादगी भरे बचपन की बातें अक्सर करते रहे हैं, जो उनके जीवन का एक अहम हिस्सा बनी रही।