तांबे के बर्तन में पानी रखना और उसे पीना एक पारंपरिक तरीका है, जो सदियों से हमारे देश में प्रचलित है। आयुर्वेद में भी तांबे के बर्तन से पानी पीने के कई फायदे बताए गए हैं, जैसे शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन, स्किन की चमक और एंटी-एजिंग गुण। तांबे के बर्तन में रखा पानी आपके पेट को साफ करता है और शरीर को तरोताजा रखता है, लेकिन यदि इसका इस्तेमाल सही तरीके से न किया जाए, तो यह शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
क्या सच में तांबे का पानी बन सकता है जहर?
सर गंगाराम अस्पताल की चीफ डायटीशियन डॉ. मुक्ता वशिष्ठ के अनुसार, तांबे के बर्तन से पानी पीने के लाभ तभी मिलते हैं जब इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। तांबे में एक खास प्रकार का तत्व कॉपर होता है, जो शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन अगर तांबे के बर्तन को सही से साफ नहीं किया गया और पानी लंबे समय तक रखा गया, तो इसमें कॉपर का अत्यधिक स्तर जमा हो सकता है, जिससे टॉक्सिसिटी हो सकती है।
कॉपर की अत्यधिक मात्रा शरीर के विभिन्न अंगों पर असर डाल सकती है, खासकर दिमाग, लिवर, किडनी और हार्ट पर। टॉक्सिक कॉपर पानी पीने से पेट में गड़बड़ी, डायरिया, उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आना, और स्किन पीलापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, लंबे समय तक इस पानी का सेवन करने से लिवर और किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है, और गंभीर स्थितियों में जॉन्डिस या सिरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे सही तरीके से तांबे का पानी पिएं?
डॉ. मुक्ता वशिष्ठ ने बताया कि यदि आप तांबे के बर्तन को रोजाना साफ करते हैं और उसमें सिर्फ सामान्य तापमान का पानी रखते हैं, तो इसका कोई नुकसान नहीं होगा। तांबे के बर्तन को सप्ताह में एक बार नहीं, बल्कि हर दिन साफ करना चाहिए। इसके लिए आप तांबे के बर्तन को नमक और नींबू से रगड़कर साफ कर सकते हैं। ध्यान रखें कि तांबे के बर्तन में गर्म पानी कभी न रखें, क्योंकि इससे कॉपर की मात्रा पानी में तेजी से घुलने लगती है।
अगर आप तांबे के बर्तन में सामान्य पानी रखकर उसे 6-7 घंटे बाद पीते हैं, तो यह आपके शरीर के लिए लाभकारी होगा और इससे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। तांबे के बर्तन में पानी रखने के फायदे तो हैं, लेकिन उसे सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है। रोजाना सफाई और ध्यान से पानी पीने से आप इसके स्वास्थ्य लाभ का पूरा फायदा उठा सकते हैं।