Bihar News : मुसलमानों के 'माइनॉरिटी' होने पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने खड़े किये सवाल, कहा-जिन्होंने हजारों साल राज किया, 75 साल में कैसे हुए अल्पसंख्यक
Bihar News : मुसलमानों को 'माइनॉरिटी' कहे जाने पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सवाल खड़े किये है. .....पढ़िए आगे

KISHANGANJ : बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 'माइनॉरिटी' शब्द सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा की किसी जाति या धर्म के लोगों को 'माइनॉरिटी' के नाम से जाने जाना उचित नहीं है। राज्यपाल ने कहा की जिनके साथ भेदभाव हुआ हो, वहीँ 'माइनॉरिटी' हो सकता है। कम संख्या में होना 'माइनॉरिटी' की पहचान नहीं है। मुसलमानों के खुद को माइनॉरिटी कहने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हजारों साल तक इस मुल्क पर राज किया, वे आज 75 साल में माइनॉरिटी कैसे हो गए? राज्यपाल बुधवार को किशनगंज के तौहीद एजुकेशनल ट्रस्ट और इमाम बुखारी यूनिवर्सिटी के परिसर में जामिया हमदर्द वोकेशनल एंड स्किल सेंटर के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व समारोह के अध्यक्ष जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. मो. अफसार आलम और ट्रस्ट के चेयरमैन मोतीउर्र रहमान ने राज्यपाल का स्वागत किया और अंगवस्त्र व मोमेंटो देकर उनका सम्मान किया।
उन्होंने यह भी कहा कि देश की 140 करोड़ आबादी में कोई खुद को छोटे हिस्से का नुमाइंदा न समझे। हम सब इस मुल्क के नुमाइंदे हैं। शिक्षा को बदलाव का मूल मंत्र बताते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के भेदभाव का अचूक इलाज केवल शिक्षा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अपने बच्चों को तालीम दिलाते समय यह ध्यान रखें कि वे एक नए दौर में जीने वाले हैं, जो तेजी से बदल रहा है। इसलिए उसे उसी दौर के हिसाब से शिक्षा दिलाएं। समावेशी शिक्षा दिलाएं।
उन्होंने शिक्षा को इंसानियत का रास्ता बताते हुए कहा कि जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो वह केवल अपनी मां को पहचानता है। लेकिन जब वह तालीम हासिल कर लेता है तो पूरी दुनिया को पहचानने लगता है और उसे प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने कुरान की आयत के जरिए लोगों को संदेश देते हुए कहा कि अल्लाह ने कहा है कि मैं उनकी हालत नहीं बदलता, जो खुद अपने इल्म से अपनी तकदीर बदलने का माद्दा नहीं रखते। इसके लिए उन्होंने सभी को हर तरह की तालीम और इल्म हासिल करने की नसीहत दी।