दीपावली का त्योहार एक ऐसा पर्व है जो बड़े से बुढ़ों तक के लिए है। दीपावली पर बच्चों के साथ भी उतना ही समय बिताएं जितना बुजुर्गों के साथ बिता सकते हैं। दीपावली त्योहार की शुरूआत कल से हो जाएगी। हर कोई दीपावली की तैयारियों में जुटा है। बच्चों में त्योहारों को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह और जोश देखने को मिलता है। वे खूब मौज-मस्ती करते हैं। दिवाली के समय उन्हें मिठाइयों के साथ-साथ पटाखे फोड़ने का मौका भी मिलता है।
हालांकि, कई बार बच्चे नासमझी में पटाखों से हाथ जला लेते हैं या फिर स्वाद-स्वाद में ज्यादा मिठाइयां खा लेते हैं, जिससे वे फूड पॉइजनिंग का शिकार हो जाते हैं। इसलिए पेरेंट्स को त्योहार के समय बच्चों के खान-पान से लेकर सेफ्टी तक खास एहतियात बरतने की जरूरत होती है। तो चलिए आज जानते हैं कि दीपावली पर पेरेंट्स अपने बच्चों को लेकर किन बातों का ख्याल रखें।
दिवाली के समय पेरेंट्स को बच्चों की सेफ्टी के लिए कई सारी सावधानियां बरतनी चाहिए। त्योहार के समय घर के अधिकांश सदस्य छोटे-बड़े कामों और जिम्मेदारियों में व्यस्त रहते हैं। इधर-उधर जलते दीए, गली-मोहल्ले में पटाखों की तेज आवाज के बीच बच्चों की खास देखभाल जरूरी है। दीपावली के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं में सबसे आम बच्चों का पटाखों से जलना है। ऐसे में पेरेंट्स को बिल्कुल लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। जरा सी लापरवाही त्योहार की खुशियों को फीका कर सकती है।
दीपावली पर बच्चों की सेफ्टी का ऐसे रखे ख्याल, बच्चों को कभी भी अकेला ना छोड़े। उन्हें दिए और मोमबत्ती से दूर रखें। बच्चों को अकेले पटाखा ना फोड़ने दे। बिजली के तार, झालर, रोशनी से दूर रखें। बच्चों को तेज आवाज वाले पटाखे ना दे। पटाखे चलाते समय निगरानी रखें। दिवाली पर प्रदूषण बढ़ता है, छोटे बच्चों को धुआं से बचाए। बच्चों की खान-पान का ध्यान रखें। ज्यादा मिठाई जंक फूड न खाने दे। बच्चों को कहानी कविताओं के जरिए आज बिजली आदि के खतरों और सेफ्टी के बारे में जानकारी दें।