Bihar News: पटना के 103 अधिकारियों पर लगा 2.85 लाख का जुर्माना, जमा नहीं करने पर होगी इससे भी बड़ी कार्रवाई, जानिए क्या है पूरा मामला

Bihar News: लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत 103 अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। इस अधिकारियों पर ₹2.85 लाख का जुर्माना लगा है। साथ ही इन्हे जल्द से जल्द इन राशि को जमा करने का भी निर्देश दिया गया है।

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103 अधिकारों पर लगा जुर्माना - फोटो : social media

Bihar News: बिहार में लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत आमलोगों की शिकायतों का समय पर निष्पादन नहीं करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। अब तक जिले में 103 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी है। इन पर कुल ₹2,85,800 का आर्थिक दंड लगाया गया है। सोमवार को जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने लोक शिकायत निवारण और आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक की। बैठक में जानकारी दी गई कि अधिनियम के तहत अब तक 10,655 अपील मामलों में से 10,449 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है। वहीं, विगत सप्ताह में 339 शिकायतों का निपटारा हुआ, जबकि 205 नए परिवाद दर्ज किए गए।

कई मामले अब भी लंबित 

समीक्षा में पाया गया कि वर्तमान में 2,146 शिकायतें लंबित हैं। इनमें से 30 कार्य दिवस से अधिक समय से 301 मामले लंबित हैं, जबकि 45 कार्य दिवस से अधिक से 160 मामले लंबित हैं। 60 कार्य दिवस से अधिक समय से कोई मामला लंबित नहीं है जो प्रशासन की सक्रियता को दर्शाता है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन अधिकारियों पर दंड लगाया गया है। वे जल्द से जल्द राशि जमा करें, अन्यथा उनके वेतन से कटौती की जाएगी। साथ ही, 25 मामलों में अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा भी की गई है।

डीएम ने की समीक्षा बैठक 

समीक्षा बैठक में अतिक्रमण संबंधी वादों पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने बताया कि लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत श्रेणी-सी के 396 अतिक्रमण मामले लंबित हैं, जिनमें 47 मामलों में अंचल अधिकारियों की रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। धनरुआ (12), पुनपुन (14) और दानापुर (10) ऐसे प्रमुख अंचल हैं, जहां सबसे अधिक मामले लंबित हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी अंचलों में श्रेणी-सी के तहत अतिक्रमण मामलों को शून्य किया जाए।

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लंबित मामलों का हो जल्द निपटारा 

उन्होंने कहा कि 90 दिन से अधिक समय से लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि लोक शिकायत निवारण प्रणाली में आम नागरिकों की भागीदारी और भरोसे को कायम रखने के लिए समयबद्ध कार्य आवश्यक है। प्रशासन लापरवाही और विलंब को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह कार्रवाई दर्शाती है कि सरकार लोक शिकायतों के समाधान को लेकर गंभीर है और जवाबदेही तय करने के लिए प्रतिबद्ध है।