Bihar Vidhan Sabha:हम पांडव हैं…’ राजद विधायक भाई वीरेंद्र का सियासी शेर, वोट चोरी के इल्ज़ाम से लेकर सदन में एनडीए को हराने का दावा, शीतकालीन सत्र गरमाएगा बिहार की सियासत, 18वीं विधानसभा का आग़ाज़

राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने सत्र शुरू होते ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “ये सरकार वोट चोरी से बनी है, जनता ने इन्हें मंज़ूर नहीं किया।

Bihar Vidhan Sabha:हम पांडव हैं…’ राजद विधायक भाई वीरेंद्र क
राजद के भाई वीरेंद्र ने लगाया NDA पर ‘वोट चोरी’ का आरोप- फोटो : social Media

Bihar Vidhan Sabha:बिहार में नई सरकार के गठन के बाद 18वीं विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो गया है और सुबह से ही सत्ता के गलियारों में गहमागहमी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सदन पहुँच चुके हैं, जहाँ नई सत्ता व्यवस्था की पहली झलक दिख रही है। उधर विपक्ष भी पूरे तेवर में है। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “ये सरकार वोट चोरी से बनी है, जनता ने इन्हें मंज़ूर नहीं किया। हमारी संख्या कम सही, लेकिन हमारी आवाज़ उतनी ही बुलंद है।” इस बयान से साफ है कि सदन का माहौल तल्ख होने वाला है।बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही राजनीतिक हवा में गर्मी बढ़ गई है। विपक्ष खासकर राजद ने पूरे तेवर के साथ सदन में दस्तक दी है। मनेर के आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार पर सीधा वार किया—उन्होंने कहा कि “ये सरकार वोट चोरी से बनी है, जनता ने इसे मंज़ूरी नहीं दी।” उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष की संख्या कम जरूर है, मगर उनकी आवाज़ उतनी ही बुलंद है।

यहीं नहीं, भाई वीरेंद्र ने अपने अंदाज़ में महाभारत की मिसाल देते हुए कहा, “हम पांडव हैं… संख्या बल में भले कम हों, लेकिन जैसे पाँच पांडवों ने कौरवों को हराया था, उसी तरह हम सदन में एनडीए को मात देंगे।” उनके इस बयान से साफ है कि सत्र के पहले ही दिन विपक्ष का मूड तीखा है और सदन का माहौल तल्ख होने के पूरे आसार हैं।

हालांकि 2025 के विधानसभा चुनाव ने विपक्ष को गहरी चोट पहुंचाई है। तेजस्वी यादव जहाँ सरकार बनाने का दावा कर रहे थे, वहीं उनकी पार्टी 25 सीटों पर सिमट गई। सहयोगी कांग्रेस को केवल 6 सीटें मिलीं और वाम दलों के चार उम्मीदवार ही सदन तक पहुंच पाए। इस शर्मनाक पराजय के बाद भी राजद चाहता है कि वह सदन में अपनी राजनीतिक मौजूदगी और संघर्ष का संदेश दे सके।इसी पृष्ठभूमि में शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र, जो 5 दिसंबर तक चलेगा, बेहद अहम माना जा रहा है। पहले दिन सभी सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी और इसके बाद सदन में राजनीतिक टकराव, आरोप-प्रत्यारोप और रणनीतिक बहस देखने को मिलेगी।भाई वीरेंद्र के बयानों ने साफ कर दिया है कि चाहे संख्या का गणित कुछ भी कहे, विपक्ष सदन में अपनी लड़ाकू राजनीति दिखाने को पूरी तरह तैयार है।

आज पहले दिन सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जा रही है। इसके लिए राज्यपाल द्वारा चुने गए प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव शपथ ग्रहण की प्रक्रिया संचालित कियाे। इसके बाद 2 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, जिसमें सत्ता और विपक्ष दोनों अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाएँगे।

3 दिसंबर को राज्यपाल दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे, जबकि 4 दिसंबर को उनके भाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर सरकार अपना जवाब देगी। सत्र का आख़िरी दिन 5 दिसंबर होगा, जब द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर विस्तृत चर्चा की जाएगी—यानी सियासी बहसों, आरोपों और जवाबी वार से सदन पूरे हफ्ते गरम रहने वाला है।

नई विधानसभा में पहली बार पहुंचे विधायकों के लिए हेल्प डेस्क और विशेष कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जो उन्हें प्रवेश द्वार से लेकर सदन में बैठने की जगह तक राह दिखा रहे हैं। व्यवस्था इस तरह की गई है कि नए सदस्य खुद को सदन की रवायत और तहज़ीब में सहज महसूस कर सकें।कुल मिलाकर, 18वीं विधानसभा का यह पहला सत्र सिर्फ औपचारिक शुरुआत नहीं, बल्कि आने वाले राजनीतिक मंज़रनामे की बुनियाद भी साबित होने वाला है।