Expressways In Bihar: बिहार के ये 5 एक्सप्रेस-वे जो बदल देगी राज्य की सूरत, अब 3.30 घंटे में किसी भी कोने से पहुंचेंगे पटना, जानिए किन इलाके के लोगों को मिलेगा फायदा

Expressways In Bihar: बिहार में 5 एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन हैं। इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से प्रदेश की सूरत बदल जाएगी। जिसके बाद आप किसी भी कोने से पटना मात्र 3.30 घंटे में पहुंच सकेंगे।

Expressways In Bihar
Expressways In Bihar- फोटो : social media

Expressways In Bihar: बिहार में 20 सालों में सड़कों का जाल देखने को मिला है। अब इसमें पांच एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य भी शामिल हो रहा है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि बिहार में 2005 के बाद 20 सालों में सड़कों और पुल-पुलियों का बड़े पैमाने पर विकास हुआ है। राज्य में अब पांच एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जल्द ही शुरु हो रहा है। 5 एक्सप्रेस-वे में रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे, पटना-पूर्णियां एक्सप्रेस-वे, वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे शामिल है। इन सभी एक्सप्रेस-वे का निर्माण वर्ष 2027 तक हो जाएगा। जिसके बाद आप प्रदेश के किसी भी कोने से मात्र 3.30 घंटे में पटना पहुंच सकेंगे। इन सभी एक्सप्रेस-वे के निर्माण से आम लोगों को ना सिर्फ जाम से निजात मिलेगी बल्कि उनका यात्रा भी आसान होगा। बिहार में कुल 1,626.37 किमी एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है। आइए जानते हैं सभी निर्माणाधीन पुलों के बारे में.... 

1. रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे 

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे का निर्माण 26,704 करोड़ी की लागत से हो रहा है। यह एक्सप्रेस-वे कुल 407 किमी लंबा होगा। बता दें कि, रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे एक प्रस्तावित छह-लेन, एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे है। यह बिहार के रक्सौल से पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह तक बनाया जाएगा।  यह परियोजना बिहार के विभिन्न जिलों से होकर गुजरेगी और राज्य के आर्थिक विकास के साथ-साथ भारत और नेपाल के बीच व्यापार को भी बढ़ावा देगी। इस परियोजना से रक्सौल से हल्दिया तक यात्रा का समय 10 घंटे से कम होने की उम्मीद है। 

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे का उद्देश्य 

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे के निर्माण से बिहार में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। रक्सौल से हल्दिया तक यात्रा के समय में कमी आएगी। भारत और नेपाल के बीच व्यापार और माल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पूर्वी भारत के आर्थिक परिदृश्य को भी बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब हो कि, एक्सप्रेस-वे के अलाइनमेंट को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। इसस परियोजना के 2028 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। 

2. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का निर्माण 29,724 करोड़ की लागत से हो रहा है। यह एक्सप्रेस-वे 417 किमी लंबा होगा। इस एक्सप्रेस-वे की खासियत होगी कि वाहन चालक 120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से गाड़ी चला सकते हैं। बिहार में 417 किमी लम्बाई में बनने वाली सड़क आठ जिलों पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से गुजरेगी। प्रारूप के तहत  66 करोड़ रुपये प्रति किमी की लागत से गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। इस सड़क से एक साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को बड़ा फायदा होगा। महज 5 से 6 घंटे में पूरी दूरी तय की जा सकेगी। इसके तहत 42 बड़े पुल तथा 151 छोटे पुल का निर्माण किया जाना है। वहीं इस सड़क के निर्माण हो जाने से राज्य के विभिन्न इलाकों से पटना तीन घंटे में पहुंचने के लक्ष्य को पूरा करने में सहायता मिलेगी। खासकर सीमांचल के जिलों से पटना की दूरी मात्र 3 से 4 घंटे में तय करने का लक्ष्य इस एक्सप्रेस-वे से पूरा हो सकेगा।

3.पटना-पूर्णियां एक्सप्रेस-वे

पटना-पूर्णियां एक्सप्रेस-वे का निर्माण 28,415 करोड़ की लागत से होगा। इस सड़क की लंबाई कुल 245 किमी है। बता दें कि, पटना से पूर्णिया के बीच 281.95 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। पटना से पूर्णिया की यात्रा अब 3 घंटे में पूरी की जा सकेगी, जो पहले 7-8 घंटे का समय लगता था। यह एक्सप्रेसवे बिहार के 7 जिलों से गुजरेगा, जिसमें वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया शामिल हैं। इसमें  21 बड़े पुल, 140 छोटे पुल, 9 आरओबी, 21 इंटरचेंज बन रहे हैं। 36 महीने यानी तीन साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

4. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का निर्माण 11,206.4 करोड़ की लागत से होगा। इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई कुल 177.37किमी है। इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद वाराणसी-कोलकाता के बीच का सफर करीब 9 घंटे में पूरा हो जाएगा। अभी औसतन 15 घंटे का समय लगता है. इस परियोजना की कुल लंबाई 610 किलोमीटर है, जिसमें से लगभग 160 किलोमीटर हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पटना-गया-डोभी और पटना-आरा-सासाराम मार्गों को वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे से जोड़ने का निर्णय लिया गया है।

5. बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे

बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण 22,800 करोड़ की लागत से होगा। इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई कुल 380 किमी है। बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे एक प्रस्तावित हाई-स्पीड कॉरिडोर है, जो बिहार के बक्सर जिले को भागलपुर जिले से जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे बिहार के औद्योगिक, कृषि, और सांस्कृतिक क्षेत्रों को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह मार्ग बिहार के प्रमुख शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ेगा, जिसमें संभवतः आरा, बेगूसराय, और खगड़िया जैसे जिले शामिल हो सकते हैं। बक्सर से भागलपुर की यात्रा, जो वर्तमान में 6-8 घंटे लेती है, इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद 2-3 घंटे में पूरी हो सकेगी। भागलपुर, जो अपनी सिल्क उद्योग और ऐतिहासिक महत्व (विक्रमशिला विश्वविद्यालय) के लिए जाना जाता है, और बक्सर, जो अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, इस मार्ग से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

किसी भी कोने से 3.3O घंटे में पहुंचेंगे पटना 

गौरतलब हो कि इन पांचों एक्सप्रेस-वे पर निर्माण कार्य तेजी से जारी है। सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही है। जल्द ही जमीनी स्तर पर काम शुरु हो जाएगा। इन सड़कों के निर्माण से बिहार के विकास को नई रफ्तार तो मिलेगी ही साथ ही एक्सप्रेस-वे नेटवर्क से कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी। बता दें कि, राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास से एक्सप्रेस-वे के विकास के लिए 1,18,849.40 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। साल 2027 या 2028  तक सभी एक्सप्रेस-वे तैयार होंगे। जिसके बाद राज्य के किसी भी कोने से आप मात्र 3.30 घंटे में पटना पहुंच जाएंगे।