Shweta Mishra Case - 22 लाख कैश और करोड़ों की संपत्ति... हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी क्यों बढ़ गई बिहार की लेडी ऑफिसर की मुश्किलें? अब सुप्रीम कोर्ट में होगा 'हिसाब'
Shweta Mishra Case - 50 हजार बताकर घर में रखा था 22 लाख कैश! हाई कोर्ट ने FIR रद्द की तो अब दागी अफसर श्वेता मिश्रा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU। आर-पार की तैयारी।
Patna : बिहार प्रशासनिक सेवा की अधिकारी श्वेता मिश्रा के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भले ही पटना हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए उनके खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति (DA) के मामले को रद्द कर दिया हो, लेकिन जांच एजेंसी 'विशेष निगरानी इकाई' (SVU) ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। हाई कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट SVU ने अब सीधे देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है ।
क्या है वह राज जो फाइलों में दबा था?
पूरा मामला कटिहार के मनिहारी में तैनात अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्वेता मिश्रा से जुड़ा है। 2011 बैच की इस अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने अपने 14 साल के सेवाकाल में पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से अकूत संपत्ति जमा की। SVU की शुरुआती रडार पर मामला तब आया जब पता चला कि उनकी वैध आय और खर्च के बाद बचत करीब 56 लाख होनी चाहिए थी, लेकिन संपत्ति करोड़ों में खेल रही थी। पहले तो अवैध कमाई का आंकड़ा करीब 80 लाख रुपये आंका गया, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, यह आंकड़ा 2 करोड़ के पार पहुंच गया ।
सरकारी घोषणा में 'फकीर', घर में मिला 'कुबेर का खजाना'
कहानी में सबसे बड़ा ट्विस्ट तब आया जब 5 जून 2025 को SVU ने श्वेता मिश्रा के पटना, प्रयागराज (इलाहाबाद) और कटिहार स्थित ठिकानों पर रेड मारी। अधिकारी ने अपनी वार्षिक संपत्ति घोषणा (Declaration of Assets) में बताया था कि उनके पास मात्र 50 हजार रुपये नकद हैं। लेकिन जब जांच एजेंसी उनके बेडरूम तक पहुंची, तो वहां से 22 लाख 44 हजार रुपये कैश बरामद हुए। इसके अलावा करीब 16.74 लाख के गहने और पटना से लेकर यूपी तक में प्रॉपर्टी और निवेश के दस्तावेज मिले, जो उनकी घोषित आय से कहीं ज्यादा थे ।
हाई कोर्ट से मिली संजीवनी, लेकिन SVU का 'गेम प्लान' तैयार
छापेमारी के महज एक महीने के भीतर ही श्वेता मिश्रा ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। लंबी सुनवाई के बाद जस्टिस पुरनेन्दु सिंह की बेंच ने नवंबर 2025 में एफआईआर को रद्द (Quash) करने का आदेश दिया, जो श्वेता मिश्रा के लिए बड़ी राहत थी। लेकिन SVU के एडीजी ने इस फैसले पर गहरा असंतोष जताया है। एजेंसी का तर्क है कि जांच अभी शुरुआती दौर में थी और दस्तावेजों के विश्लेषण से और भी बड़े खुलासे होने वाले थे। अब SVU ने 'स्पेशल लीव पिटीशन' (SLP) के जरिए सुप्रीम कोर्ट में यह साबित करने की तैयारी कर ली है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है ।
रिपोर्ट - अनिल कुमार