ED Raid: अंबानी के 35 ठिकानों पर ED की रेड, 50 कंपनियों की चल रही जांच, 25 से ज्यादा लोग रडार पर
ED Raid: ईडी ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। अंबानी के 35 ठिकानों पर ईडी की रेड चल रही है। अधिकारी 50 कंपनियों की जांच कर रहे हैं। पढ़िए आगे....

ED Raid: बड़े कारोबारी के कंपनियों पर ईडी ने शिकंजा कसा है। मुंबई में ईडी मनी लॉड्रिंग के खिलाफ छापेमारी चल रही है। मिली जानकारी अनुसार अनिल अंबानी की कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में ईडी ने मुंबई स्थित अनिल अंबानी समूह की कंपनियों और उनसे जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी (SEBI), नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA), बैंक ऑफ बड़ौदा और सीबीआई की दो एफआईआर के आधार पर की गई है।
ईडी की छापेमारी
ईडी की शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह सार्वजनिक धन की हेराफेरी के लिए रची गई एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। एजेंसी के अनुसार, इस पूरे घोटाले में कई बैंक, वित्तीय संस्थान, शेयरधारक और निवेशक प्रभावित हुए हैं। मामले में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के पहलुओं की भी जांच की जा रही है, जिसमें यस बैंक के प्रमोटर्स की भूमिका संदेह के घेरे में है।
35 ठिकानों पर ईडी की रेड
जानकारी मिल रही है कि PMLA के तहत करीब 35 ठिकानों और 50 कंपनियों की जांच चल रही है। साथ ही 25 से ज्यादा लोग भी ईडी के रडार पर हैं। हालांकि, इस दौरान जांच में उनका घर शामिल नहीं है। दिल्ली और मुंबई की ईडी टीम उनके ग्रुप की कंपनियों के परिसर पहुंची हैं। सूत्रों के मुताबिक, साल 2017 से 2019 के बीच अनिल अंबानी समूह की कंपनियों ने यस बैंक से करीब 3,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जिसके दुरुपयोग और हेराफेरी की आशंका जताई गई है।
क्यों अनिल अंबानी को घोषित किया गया फ्रॉड?
इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने हाल ही में अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित किया था। बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशन के लोन खातों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया। दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में SBI ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कंपनी के जवाबों से असंतुष्ट होकर बैंक ने यह निष्कर्ष निकाला कि लोन की शर्तों का उल्लंघन किया गया और खातों के संचालन में पारदर्शिता नहीं बरती गई। ईडी की छापेमारी और एसबीआई के आरोपों ने अनिल अंबानी समूह की कंपनियों को एक बार फिर जांच और कानूनी शिकंजे में ला खड़ा किया है। एजेंसियों की यह कार्रवाई आने वाले समय में और तेज होने की संभावना जताई जा रही है।