Bihar Govt Scam: बिहार सरकार ने केंद्र की मोदी गर्वमेंट को बनाया उल्लू! फर्जी दस्तावेज और झुग्गियों को दिखाकर 49 करोड़ रुपये का कर दिया घोटला
Bihar Govt Scam: बिहार के पटना जिले के नौबतपुर नगर पंचायत में फर्जी झुग्गी बस्तियां दिखाकर केंद्र सरकार से 49 करोड़ की राशि स्वीकृत कराई गई। जांच में सामने आया कि इस राशि में से साढ़े तीन करोड़ रुपये का गबन हो चुका है। जानिए पूरा मामला।

Bihar Govt Scam: पटना जिले के नौबतपुर नगर पंचायत में एक हैरान कर देने वाला घोटाला सामने आया है, जिसमें "समेकित आवास एवं स्लम विकास कार्यक्रम" (IHSDP) के तहत 49 करोड़ रुपये की सरकारी राशि स्वीकृत कराई गई, जबकि क्षेत्र में एक भी स्लम (झुग्गी बस्ती) मौजूद नहीं है।योजना का उद्देश्य झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को आवास मुहैया कराना था। हालांकि, फर्जी दस्तावेज, झूठी स्लम रिपोर्ट और गलत लाभार्थी सूची के माध्यम से केंद्र से राशि स्वीकृत कराई गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये पहले ही गबन किए जा चुके हैं
सरकारी नौकर, अमीर और दो बार लाभ उठाने वाले शामिल
जिन्हें इस योजना का लाभ मिला है उनमें सरकारी कर्मचारी, सम्पन्न परिवार और इंदिरा आवास योजना के पूर्व लाभार्थी शामिल थे। इसमें बाहरी लोग भी शामिल थे, जिनका कोई स्थानीय रजिस्ट्रेशन नहीं था।यह सब तब हुआ जब सरकार की हर योजना में सत्यापन, लाभार्थी सूची और भू-सत्यापन जैसी प्रक्रियाएं अनिवार्य होती हैं।
कानूनी कार्रवाई और केस का इतिहास
नौबतपुर निवासी दो व्यक्तियों की शिकायत पर 8 मई 2025 को निगरानी थाना में मामला दर्ज किया गया। शिकायतकर्ता ने 2012 से 2014 के बीच घोटाले की बात कही। 2018 में भी इस घोटाले को लेकर केस हुआ था। तीन लोग जेल भी गए, फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब चुनावी मौसम में यह मामला फिर से सामने आया है
क्या बोले पूर्व नगर अध्यक्ष कौशल कौशिक?
पूर्व नगर अध्यक्ष कौशल कौशिक, जो इस मामले के प्रमुख आरोपियों में से एक हैं, ने अपनी सफाई में कहा कि यह साजिश के तहत किया गया है क्योंकि पंचायत चुनाव नजदीक है। पूरी योजना की डीपीआर बनाकर विभाग को भेजी गई थी और जांच के बाद ही राशि स्वीकृत हुई थी।"हालांकि, निगरानी विभाग के अनुसार D.P.R. में झूठे आंकड़े और ग़लत भूमि विवरण था। बिना जमीन पर स्लम दिखा कर रिपोर्ट पास की गई थी। शुरुआती जांच से सत्यापन प्रक्रिया में भारी चूक साबित हुई है।