PATNA - बिहार सरकार के स्वास्थ्य महकमे में परिचारिका श्रेणी ए और स्टाफ नर्स ए ग्रेड कर्मियों की नियुक्ति में बड़े फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। मामले की जानकारी से विभाग में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी कार्रवाई का हवाला दे रहे हैं वही फर्जी तरीके से वेतन मद में जा रहे पैसे की वसूली कैसे होगी। यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
बिना जॉइनिंग लेटर जिलों में हो गई फर्जी बहाली
बताया गया कि फर्जी बहाली 2015 के बाद से हुआ है। स्वास्थ्य विभाग में फर्जी बहाली के मामले का खुलासा तब हुआ जब डायरेक्टर इन चीफ के नर्सिंग ने बिहार के सभी सिविल सर्जन और चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के अधीक्षक को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी कि विभाग द्वारा जॉइनिंग लेटर नहीं देने के बावजूद कई जिलों में और अस्पताल में परिचारिका श्रेणी ए और स्टाफ नर्स ग्रेड में फर्जी अभ्यर्थियों की बहाली कर ली गई है। स्वास्थ्य विभाग में सभी सिविल सर्जन को इस पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस विभाग की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि अगर 15 दिनों के अंदर कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट नहीं आती है तो कार्रवाई की जद में जिलों के सिविल सर्जन भी रडार पर आएंगे।
कईयों ने छोड़ दी नौकरी और हुए फरार
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर इन चीफ का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग फर्जी बहाली के मामले को लेकर खुद की गंभीरता का दावा बरत रहा है। मिली जानकारी के अनुसार जिलों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिविल सर्जन को दिए गए निर्देश के बाद कई फर्जी परिचारिकाओं और स्टाफ नर्स ने नौकरी छोड़ दी है और वह फरार हो गए हैं।
नपेंगे सिविल सर्जन
स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जन को आगाह किया है कि 15 दिनों के अंदर अगर रिपोर्ट नहीं आई तब सिविल सर्जन के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। उधर स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद मुंगेर जिले में 20 फर्जी परिचारिकाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर वेतन वसूली की तैयारी शुरू कर दी है।
पटना से अनिल की रिपोर्ट