Bihar News: बिहार में जमीन रजिस्ट्री से कमाई का रिकॉर्ड टूटा, सरकार को मिला अब तक का सबसे बड़ा राजस्व
Bihar News: बिहार में जमीन और मकान की खरीद-बिक्री ने सरकार की आमदनी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। रजिस्ट्री से सरकार को 2024-25 में 7648.88 करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जो पिछले साल से 24% ज्यादा है। पटना बना सबसे महंगा जिला।

बिहार सरकार को इस साल जमीन और मकान की रजिस्ट्री से अब तक की सबसे बड़ी आमदनी हुई है। निबंधन विभाग को 2024-25 में 7648.88 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है, जो पिछले साल की तुलना में 24 प्रतिशत ज्यादा है। आंकड़े बता रहे हैं कि राज्य में अब लोग तेजी से प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री कर रहे हैं।
पटना में जमीन खरीदना सबसे महंगा, एक रजिस्ट्री से मिल रहे 1.10 लाख रुपये
पटना जिला इस मामले में सबसे आगे है। यहां औसतन एक रजिस्ट्री से सरकार को 1.10 लाख रुपये की आमदनी हो रही है। खास बात ये है कि पटना जिला निबंधन कार्यालय में यह आंकड़ा और बढ़कर 2.51 लाख रुपये प्रति रजिस्ट्री तक पहुंच गया है। इससे साफ है कि राजधानी में जमीन की कीमतें भी ऊंची हैं और टैक्स भी ज्यादा लग रहा है।
चनपटिया सबसे सस्ता, सिर्फ 15,704 रुपये मिलते हैं एक रजिस्ट्री से
वहीं पश्चिम चंपारण का चनपटिया इलाका बिल्कुल दूसरी तस्वीर पेश करता है। यहां एक रजिस्ट्री से औसतन 15,704 रुपये ही सरकार को मिल रहे हैं। ये आंकड़ा पूरे बिहार में सबसे कम है और इससे इलाके की जमीन बाजार की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
17.5 लाख दस्तावेज रजिस्टर्ड, लेकिन प्रति रजिस्ट्री कमाई में मामूली गिरावट
इस वित्तीय वर्ष में अब तक 17.5 लाख से अधिक रजिस्ट्री हो चुकी है, जो कि पिछले साल से 3.42 लाख ज्यादा है। इसके बावजूद प्रति दस्तावेज से होने वाली औसत कमाई में 0.27% की मामूली गिरावट आई है, जो संभवतः शुल्क में संतुलन या रियायत का असर हो सकता है।
पांच साल में रेवेन्यू दोगुना, जमीन कारोबार ने बदली सरकारी आमदनी की तस्वीर
वर्ष 2020-21 में रजिस्ट्री से 4257.54 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। अब यह 2024-25 में बढ़कर 7648.88 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यानी पांच साल में राजस्व लगभग दोगुना हो चुका है, जो न सिर्फ लोगों की बढ़ती दिलचस्पी दिखाता है बल्कि सरकार की आर्थिक नीतियों की मजबूती का भी संकेत देता है।