Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वे को लेकर सरकार का बड़ा एक्शन,यह काम हुआ शुरू,सारे रैयत जान लें...

बिहार सरकार ने भूमि विवादों को खत्म करने के लिए राज्य में विशेष भूमि सर्वेक्षण 2025 की शुरुआत की है। जानिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेज और पोर्टल की जानकारी।

बिहार में भूमि सर्वे को लेकर सरकार का बड़ा एक्शन
Bihar Land Survey- फोटो : AI GENERATED

Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने राज्य भर में ज़मीन से जुड़ी पारंपरिक समस्याओं को खत्म करने के लिए एक बड़ी डिजिटल पहल की है। इस पहल का उद्देश्य है कि हर ज़मीन मालिक के पास स्पष्ट और प्रमाणित स्वामित्व दस्तावेज हों, जिससे भविष्य में कोई भी विवाद या भ्रम न रह जाए। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत "बिहार विशेष सर्वेक्षण अधिनियम, 2011" के अंतर्गत भूमि रिकॉर्ड का डिजिटल सर्वेक्षण शुरू किया गया है।

ऑनलाइन पोर्टल का इस्तेमाल

इस कार्यक्रम के तहत सभी भूमि मालिकों को कहा गया है कि वे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपने भूमि से संबंधित दस्तावेज़ों को अपलोड करें और सत्यापन की प्रक्रिया में भाग लें। यह पूरी प्रक्रिया एक पारदर्शी डिजिटल व्यवस्था के माध्यम से की जा रही है, जिसमें आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन सर्वेक्षण और सैटेलाइट मैपिंग का उपयोग किया जा रहा है ताकि ज़मीन की सीमाएं सटीक रूप से मापी जा सकें।

ज़मीन के स्वामित्व को कानूनी रूप से स्पष्ट

इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य यह है कि ज़मीन के स्वामित्व को कानूनी रूप से स्पष्ट किया जा सके और राजस्व की हानि को रोका जा सके। साथ ही, सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं तक पहुंचे जो वास्तविक हकदार हैं। एक बार जब भूमि रिकॉर्ड पूरी तरह से ऑनलाइन हो जाएगा, तब कोई भी व्यक्ति खेसरा नंबर, खतियान नंबर या मौजा के नाम से अपनी ज़मीन की स्थिति को ऑनलाइन देख सकेगा।

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अब अगर आपकी ज़मीन पर सरकार द्वारा सर्वेक्षण हो रहा है, तो आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। इनमें ज़मीन का पर्चा, स्वामित्व प्रमाण पत्र, बिजली बिल या अन्य पहचान संबंधी दस्तावेज हो सकते हैं। यह सभी दस्तावेज सही और वैध होने चाहिए। यदि कोई व्यक्ति झूठे या फर्जी दस्तावेज देता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

भूमि संबंधी जानकारी में कोई गलती ने हो

इसके अलावा, यदि सर्वेक्षण में आपकी भूमि संबंधी जानकारी में कोई गलती हो जाती है, तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। पोर्टल पर ऑनलाइन सुधार हेतु आवेदन की सुविधा भी दी गई है। यह प्रक्रिया बहुत सरल है और कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से इसे कर सकता है।

डिजिटल भूमि रिकॉर्ड 

यह योजना बिहार राज्य की भूमि व्यवस्था को एक नए युग में ले जाने वाली साबित हो सकती है। ज़मीन खरीदने, बेचने, विरासत में देने या किसी योजना का लाभ लेने जैसी सभी गतिविधियां अब इस डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के आधार पर ही की जाएंगी। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि फर्जीवाड़ा भी रुकेगा और आम जनता को अपने अधिकारों की रक्षा में सहायता मिलेगी।

डिजिटल भारत की दिशा में आगे ले जाने वाला एक ठोस प्रयास

सरकार का यह कदम बिहार को डिजिटल भारत की दिशा में आगे ले जाने वाला एक ठोस प्रयास है। अगर आप बिहार के निवासी हैं और आपकी अपनी ज़मीन है, तो इस प्रक्रिया का हिस्सा बनना न केवल जरूरी है, बल्कि आपके भविष्य के लिए लाभदायक भी है। सभी भूमि मालिकों से अनुरोध है कि वे तय समय सीमा के भीतर अपने ज़मीन से संबंधित दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करें और सरकार के इस अभूतपूर्व अभियान में भागीदार बनें।