Bihar Assembly Election: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह जेल से पैरोल पर बाहर, आते के साथ दे दिया बड़ा बयान, कहा- 'हमरा टिकट तो है ही'

बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह ने जेल से पैरोल पर बाहर आकर जेडीयू टिकट को लेकर बड़ा बयान दिया है। मोकामा सीट से फिर चुनाव लड़ने के संकेत से सियासी हलचल तेज हो गई है।

Mokama seat
Mokama seat- फोटो : news4nation

Bihar Assembly Election:  बिहार की राजनीति में बाहुबली नेताओं की अहम भूमिका किसी से छुपी नहीं है, और जब बात हो मोकामा की, तो वहां का नाम अनंत सिंह के बिना अधूरा है। आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अनंत सिंह का जेल से पैरोल पर निकलना और टिकट को लेकर बेबाक प्रतिक्रिया देना इस बात का संकेत है कि वे एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।

अनंत सिंह की टिप्पणी: "हमरा टिकट तो है ही"

पैरोल पर बाहर आने के बाद अनंत सिंह अपने पैतृक गांव लदमा पहुंचे, जहां रिश्तेदार की शादी में शरीक होने के बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात की। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे जेडीयू से टिकट मांगेंगे तो उन्होंने कहा कि हमरा टिकट तो है ही, हमको टिकट के लिए पूछना क्या है?”उनके इस बयान से साफ है कि उन्हें अपनी राजनीतिक स्थिति और पार्टी से नजदीकी पर पूरा भरोसा है।

मोकामा से अब तक का राजनीतिक सफर

मोकामा सीट पर अनंत सिंह की पकड़ हमेशा मजबूत रही है। जेल जाने से पहले वे खुद विधायक थे, लेकिन विधानसभा सदस्यता समाप्त होने के बाद उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी ने यह सीट जीती। अब अनंत सिंह की वापसी की अटकलों से यह स्पष्ट हो रहा है कि मोकामा में एक बार फिर राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।

जेल से रिहाई के संकेत

अनंत सिंह ने यह भी कहा कि वे 10-20 दिन में जेल से बाहर आ सकते हैं, जिससे यह कयास लगाया जा रहा है कि वे नामांकन की समयसीमा से पहले बाहर आकर चुनावी अभियान में भी शामिल हो सकते हैं। इससे उनके समर्थकों में उत्साह है और विरोधी खेमे में चिंता।

किस मामले में गए थे जेल?

जनवरी 2025 में अनंत सिंह को उस समय जेल भेजा गया था जब मोकामा के नौरंगा जलालपुर गांव में गैंगवार हुआ था। इसमें उनके समर्थकों और सोनू-मोनू गैंग के बीच हिंसक झड़प हुई थी। पंचमहला थाने में मामला दर्ज होने के बाद दोनों पक्षों ने सरेंडर किया।