Bihar Police:बिहार के अपराधियों पर पुलिस कसेगी तकनीक से शिकंजा, कांपेंगे गुनहगार,ऑन द स्पॉट इक्कठे होंगे जुर्म के सबूत
Bihar Police: बिहार में अब जुर्म करने वालों के लिए बच निकलना आसान नहीं रहेगा।...
Bihar Police: बिहार में अब जुर्म करने वालों के लिए बच निकलना आसान नहीं रहेगा। अपराध की दुनिया में हलचल मचाने वाला बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को 34 चलंत फॉरेंसिक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर मैदान में उतार दिया। 1 अणे मार्ग पर आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इन हाईटेक वाहनों का मुआयना किया और उनमें मौजूद आधुनिक फॉरेंसिक सुविधाओं की जानकारी ली। सरकार का दावा है कि अब वारदात के बाद सबूत जुटाने में होने वाली देरी खत्म होगी और गुनहगार मौके पर ही तकनीकी शिकंजे में आ जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने साफ लहजे में कहा कि जैसे ही अपराध की खबर मिलेगी, मोबाइल फॉरेंसिक टीम सीधे घटनास्थल पर पहुंचेगी और जांच शुरू कर देगी। पहले हालात यह थे कि साक्ष्य इकट्ठा कर फॉरेंसिक लैब भेजने में दिन, कभी-कभी हफ्ते लग जाते थे, जिससे केस कमजोर पड़ जाता था और पीड़ित परिवार इंसाफ के लिए भटकते रहते थे। अब मोबाइल फॉरेंसिक वाहनों की तैनाती से यह रुकावट दूर होगी और जांच की रफ्तार को नई धार मिलेगी।
इन खास वाहनों को अत्याधुनिक फॉरेंसिक जांच उपकरणों से लैस किया गया है। मौके पर ही खून, बाल, फिंगरप्रिंट जैसे जैविक साक्ष्य, हथियारों से जुड़े भौतिक सबूत और मोबाइल-डिजिटल डेटा का वैज्ञानिक तरीके से संकलन किया जाएगा। इससे सबूतों की शुद्धता बरकरार रहेगी और अदालत में पेश होने वाले प्रमाण पहले से कहीं ज्यादा मज़बूत होंगे। कानून के जानकार मानते हैं कि तकनीक से लैस यह व्यवस्था अपराधियों के लिए खौफ का सबब बनेगी।
नीतीश कुमार ने दोहराया कि वर्ष 2005 के बाद से राज्य में कानून का राज उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहा है। जुर्म और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए पुलिसिंग सिस्टम में लगातार सुधार किए गए हैं। मोबाइल फॉरेंसिक वाहनों की शुरुआत उसी कड़ी का अहम हिस्सा है, जिससे जांच पारदर्शी और भरोसेमंद बनेगी।
सरकार का कहना है कि घटनास्थल पर त्वरित फॉरेंसिक जांच से केस डायरी मजबूत होगी, आरोप पत्र समय पर दाखिल होंगे और अदालतों में मामलों की सुनवाई तेज होगी। इससे न सिर्फ दोषियों को सजा दिलाने में आसानी होगी, बल्कि झूठे और कमजोर मामलों की पहचान भी जल्द हो सकेगी। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सरकार ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में फॉरेंसिक संसाधनों का और विस्तार किया जाएगा, ताकि बिहार में अपराध पर निर्णायक चोट की जा सके।