Bihar police unfit: बिहार पुलिस में अनफिट और असाध्य रोगों से पीड़ित पुलिसकर्मियों को नौकरी से जबरन सेवानिवृत्त किया जा सकता है। एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने भागलपुर सहित सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे स्वास्थ्य संबंधी अयोग्य पुलिसकर्मियों को चिन्हित करें और पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए उन्हें सेवानिवृत्त करने की कार्रवाई शुरू करें।
बिहार पुलिस हस्तक 1978 और नियम 809
इस निर्देश के तहत, पुलिस हस्तक 1978 के नियम 809 का उल्लेख किया गया है, जिसमें यह प्रावधान है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से अयोग्य पुलिसकर्मियों को सेवानिवृत्त किया जा सकता है। बिहार सेवा संहिता के नियम 74 के अनुसार, किसी कर्मचारी को जबरन सेवानिवृत्त किया जा सकता है अगर वह अपने स्वास्थ्य या किसी अन्य कारण से ड्यूटी निभाने में असमर्थ हो।
सेवानिवृत्ति प्रक्रिया का पालन
एडीजी कुंदन कृष्णन ने स्पष्ट किया है कि सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द लागू करना होगा। इस आदेश के अनुसार, पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जबरन रिटायर किया जा सकता है अगर वे फिटनेस के मापदंडों पर खरे नहीं उतरते।
पुलिस सभा में फिटनेस के महत्व पर होगी चर्चा
हर महीने आयोजित होने वाली पुलिस सभा के दौरान सभी पुलिसकर्मियों को यह जानकारी दी जाएगी कि फिटनेस उनकी नौकरी के लिए कितनी आवश्यक है। एसएसपी और एसपी यह सुनिश्चित करेंगे कि हर पुलिसकर्मी को फिट रहने के लिए जागरूक किया जाए, और अगर कोई व्यक्ति अनफिट पाया जाता है, तो उसे सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा।
जबरन सेवानिवृत्ति का उद्देश्य
बिहार पुलिस को एक अनुशासित और फिट बल बनाए रखने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य जांच के बाद अगर किसी पुलिसकर्मी को ड्यूटी के लिए अनफिट पाया जाता है, तो उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पुलिस बल हमेशा शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहे।