Bihar Teacher News: शिक्षकों के लिए जारी हुआ हैरान कर देने वाला फरमान, आदेश सुनते ही भड़के टीचर्स, भारी बवाल
Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षकों के लिए आए दिन कई फरमान जारी किया जाता है। एक बार फिर शिक्षकों के लिए हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसे सुनते ही शिक्षक भड़क गए। शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है।

Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए एसीएस सिद्धार्थ और शिक्षा विभाग हर रोज नए नए फरमान जारी कर रहे हैं। शिक्षकों के साथ साथ छात्रों को लेकर भी विभाग सख्त निर्देश जारी करता है। इसी बीच विभाग ने शिक्षकों को लेकर एक ऐसा फरमान जारी कर दिया है। जिसको लेकर अब बवाल मच गया है। शिक्षकों में नाराजगी देखी जा रही है। दरअसल, प्रदेश के प्राथमिक शिक्षकों पर पहले से ही विभाग की सख्ती जारी है, लेकिन अब प्रखंड स्तर पर भी अधिकारियों द्वारा कड़े निर्देश लागू किए जाने से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। ताजा मामला हनुमाननगर प्रखंड का है। जहां बीडीओ सह सचिव, प्रखंड कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति ने शिक्षकों के मोबाइल इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए सख्त आदेश जारी किया है।
क्या है आदेश?
बीडीओ ने आदेश जारी कर कहा है कि विद्यालय में शिक्षक ‘लॉग इन’ करने के बाद अपना मोबाइल प्रधानाध्यापक को सौंपेंगे। अवकाश के समय ‘लॉग आउट’ करने के बाद ही उन्हें मोबाइल लौटाया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालय आते समय अपने परिजनों को स्कूल के प्रधानाध्यापक का मोबाइल नंबर दें, ताकि किसी आपात स्थिति में संपर्क किया जा सके। इसके साथ ही आदेश में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि यदि निरीक्षण के दौरान किसी शिक्षक के पास मोबाइल बरामद होता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनिक एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रधानाध्यापकों को भी निर्देशित किया गया है कि वह सभी शिक्षकों से मोबाइल जमा कराएं और यदि कोई शिक्षक ऐसा करने से इनकार करता है, तो इसकी सूचना तत्काल बीडीओ को दें।
बैठक में लिया गया फैसला
इस आदेश का हवाला 22 मई को आयोजित प्रखंड कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति की बैठक को बताया गया है। जिसमें यह शिकायत सामने आई थी कि शिक्षक कक्षा संचालन के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस आदेश पर जिला परिषद सदस्य सुनीता यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अगर इतनी तत्परता से सरकारी पदाधिकारी जनता की सेवा में लगते तो जिले की स्थिति में गुणात्मक सुधार हो गया होता। शिक्षकों को निशाना बनाना आसान है, क्योंकि वे निरीह प्राणी हैं।”
बीडीओ के आदेश से हड़कंप
वहीं, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव नारायण मंडल ने बीडीओ के आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि “अगर शिक्षकों के व्यवहार को लेकर कोई शिकायत थी तो यह जिम्मेदारी बीईओ (ब्लॉक शिक्षा पदाधिकारी) की थी न कि बीडीओ की। बीडीओ को इस तरह की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि शिक्षकों पर इस तरह की सख्ती कर के शिक्षा व्यवस्था को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
शिक्षकों में भारी नाराजगी
बीडीओ के इस आदेश के बाद प्रखंड में शिक्षकों में नाराजगी फैल गई है और कई जगह इस निर्देश को मानवाधिकार और निजता के उल्लंघन के रूप में भी देखा जा रहा है। शिक्षक संघों ने संकेत दिए हैं कि वे इस फैसले के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर विरोध दर्ज करा सकते हैं। शिक्षकों का कहना है कि यदि ये आदेश वापस नहीं होता है तो वो आंदोलन भी कर सकते हैं।