Bihar Politics: बिहार में मायावती को लगा बड़ा झटका, बसपा के प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने दिया इस्तीफा, विधायक के टूटने का डर...
Bihar Politics: बिहार में मायावती को बड़ा झटका लगा है। बसपा के प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। इस इस्तीफे के बाद अब एकलौते विधायक के टूटने का डर भी सताने लगा है।
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में एक सीट जीतने वाली मायावती की बसपा( बहुजन समाज पार्टी) को बड़ा झटका लगा है। बसपा के प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने पार्टी के पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जानकारी अनुसार मायावती को भेजे पत्र में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने कार्यकाल के दौरान मिले स्नेह और सहयोग के लिए शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया है।
प्रदेश प्रभारी ने दिया इस्तीफा
बता दें कि, प्रदेश प्रभारी का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है, जब एक दिन पहले ही पटना के महाराजा कॉम्पलेक्स स्थित सभागार में बिहार चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे और राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद, राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि निजी कारणों का हवाला देकर अनिल कुमार ने इस्तीफा सौंपा है।
इस्तीफे से पार्टी में हलचल
हालिया विधानसभा चुनाव में BSP ने अकेले लड़कर केवल एक सीट पर जीत दर्ज की थी। कैमूर जिले की रामगढ़ सीट से बसपा उम्मीदवार सतीश यादव ने भाजपा प्रत्याशी को मात्र 30 वोटों से हराया था। अब अनिल कुमार के इस्तीफे के बाद पार्टी के भीतर यह आशंका और गहरा गई है कि कहीं एकमात्र विधायक भी टूट न जाएँ। इसी संदर्भ में बुधवार को हुई समीक्षा बैठक में अनिल कुमार ने दावा किया था कि बसपा के एकमात्र विधायक को तोड़ने के लिए कई प्रकार के प्रलोभन दिए जा रहे हैं, लेकिन हमारा MLA टूटेगा नहीं। हालांकि अब अनिल कुमार ने ही पार्टी को छोड़ दिया है।
पहले भी टूट चुका है BSP का विधायक
बिहार में BSP की स्थिति पहले से ही कमजोर रही है। 2020 विधानसभा चुनाव में बसपा ने चैनपुर सीट जीती थी, लेकिन यहां से विधायक रहे मोहम्मद जमा खान बाद में पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए थे, जिसके बाद नीतीश कुमार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया था। वहीं अब अनिल कुमार के अचानक इस्तीफे को पार्टी के लिए एक और बड़ा नुकसान माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब बिहार में नए सियासी समीकरणों के बीच BSP अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।