Bihar Election 2025 : राहुल गांधी के वादे पर उठे सवाल, कांग्रेस ने माउंटेन मैन के बेटे को नहीं दिया टिकट, आरजेडी के खाते में गयी सीट

Bihar Election 2025 : राहुल गाँधी के वादे के बावजूद माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बेटे को टिकट नहीं मिला. जिससे मांझी परिवार में नाराजगी है.......पढ़िए आगे

Bihar Election 2025 : राहुल गांधी के वादे पर उठे सवाल, कांग्
मांझी को नहीं मिला टिकट - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी की नाराज़गी ने गया की बाराचट्टी (Barachatti) विधानसभा सीट पर राजनीतिक हलचल तेज़ कर दी है। कुछ महीने पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भागीरथ मांझी के घर उनसे मिलने गए थे, जिसके बाद यह ज़ोरदार चर्चा थी कि मांझी को कांग्रेस पार्टी बाराचट्टी से अपना उम्मीदवार बनाएगी। हालाँकि, महागठबंधन की सीट शेयरिंग और कांग्रेस की अंतिम सूची में उनका नाम नहीं आने से भागीरथ मांझी और उनके परिवार ने गहरी निराशा व्यक्त की है।

राहुल गांधी के 'वादे' पर उठे सवाल

बाराचट्टी सीट इस बार महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खाते में गई है, जिसने तनुश्री मांझी को टिकट दिया है। भागीरथ मांझी के परिवार की नाराज़गी खुलकर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भागीरथ मांझी के दामाद मिथुन मांझी ने राहुल गांधी और राजनीतिक दलों पर तंज कसते हुए कहा, "हर बार चुनाव आते ही राजनीतिक दलों को महादलितों की याद आ जाती है।" इस बयान ने कांग्रेस के दलित प्रेम पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया है।

टिकट के लिए दिल्ली में डाला था डेरा

निजी टीवी चैनल की खबर के मुताबिक, टिकट की आस में भागीरथ मांझी पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। उनका स्पष्ट कहना था कि राहुल गांधी ने उनसे टिकट देने का खुद वादा किया था। वह बाराचट्टी से चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार थे। टिकट न मिलने के बाद उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बाराचट्टी से चुनाव मैदान में उतरेंगे।

बाराचट्टी: महागठबंधन का अंदरूनी अखाड़ा

बाराचट्टी सीट पर इस बार महागठबंधन के भीतरूनी समीकरणों के कारण काफी खींचतान रही है। पिछली बार यहाँ से राजद ने चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार सीपीआई (एमएल) भी जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष धनंजय के लिए यह सीट मांग रही थी। फ़िलहाल यह सीट जीतनराम मांझी की समधन के कब्ज़े में है। गया जिले में मांझी समुदाय की अच्छी खासी आबादी है, और दशरथ मांझी के परिवार का इस समुदाय में गहरा असर है। इसी वजह से भागीरथ मांझी की संभावित निर्दलीय उम्मीदवारी इस सीट पर राजद की मुश्किलें बढ़ा सकती है, जहाँ अब तनुश्री मांझी को टिकट दिया गया है।