कांग्रेस ने तय किया विधानसभा चुनाव के लिए इन उम्मीदवारों का नाम ! राजद से सीट बंटवारे के पहले राहुल गांधी दिखाएंगे ताकत
बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अभी से बड़ी तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, इसमें सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के नाम भी तय किये जा रहे हैं.

Bihar assembly elections : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस इस बार नए रणनीतिक फॉर्मूले के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है। 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 19 सीटों पर जीत दर्ज की गई थी। हालांकि, वर्तमान में कांग्रेस के दो विधायक सिद्धार्थ सौरभ और मुरारी गौतम पाला बदल चुके हैं। ऐसे में पार्टी के पास अब केवल 17 विधायक बचे हैं। माना जा रहा है कि इन सभी विधायकों को दोबारा टिकट दिया जा सकता है, लेकिन उनके नामों की औपचारिक घोषणा सीटों के अंतिम बंटवारे के बाद ही की जाएगी।
‘वोट अधिकार यात्रा’ से चुनावी आगाज़
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार चुनाव से पहले राज्य में 15 दिन की यात्रा पर निकलने जा रहे हैं। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश राम ने जानकारी दी कि यह यात्रा 'वोट अधिकार यात्रा' के नाम से 17 अगस्त को रोहतास से शुरू होगी और इसका समापन राजधानी पटना में होगा। यात्रा के दौरान राहुल गांधी का कारवां राज्य के 18 जिलों से गुजरेगा, जिनमें मुख्य रूप से मगध, पटना और कोसी प्रमंडल के जिले शामिल हैं। यात्रा का उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरना और चुनावी माहौल को कांग्रेस के पक्ष में मोड़ना है। यात्रा में INDIA गठबंधन के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।
सोशल इंजीनियरिंग पर जोर, EBC और दलितों को प्राथमिकता
राहुल गांधी लगातार OBC, EBC और दलित वर्गों को राजनीति में हिस्सेदारी देने की वकालत करते आ रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बार टिकट वितरण में राहुल गांधी की सोशल इंजीनियरिंग रणनीति को प्राथमिकता दी जाएगी। कांग्रेस नेतृत्व चाहता है कि EBC और दलित समुदायों को अधिक टिकट देकर सामाजिक न्याय की राजनीति को मजबूत किया जाए। इसी दिशा में पार्टी ने इस बार उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन मंगवाए हैं, जिसमें कई मानदंड तय किए गए हैं।
महागठबंधन में 55-60 सीटों की उम्मीद
कांग्रेस को इस बार महागठबंधन में 55 से 60 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, यह आंकड़ा गठबंधन के अन्य घटक दलों जैसे RJD, वाम दलों और अन्य सहयोगी पार्टियों के बीच तालमेल पर निर्भर करेगा। सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय जल्द ही होने की संभावना है। कुल मिलाकर कांग्रेस इस बार संगठनात्मक मजबूती, सामाजिक समीकरण और राहुल गांधी के जनसंपर्क के सहारे बिहार में नई जमीन तलाशने की कोशिश में है। आगामी 'वोट अधिकार यात्रा' इस दिशा में पहला बड़ा कदम मानी जा रही है, जिससे पार्टी को चुनावी धार देने की उम्मीद है।