जनसुराज में शामिल होंगे कन्हैया कुमार ! राहुल गांधी के रथ पर जगह नहीं मिलने के बाद कांग्रेस का हाथ छोड़कर अब पीके का बस्ता उठाने की बारी
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष, वामदल से बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ने और अब कांग्रेस के युवा चेहरे के रूप में सक्रिय कन्हैया कुमार को लेकर कहा जा रहा है कि वे पीके के जनसुराज में जा सकते हैं.

Kanhaiya Kumar: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार जल्द ही प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का दामन थाम सकते हैं. दो दिन पहले बिहार बंद के दौरान राहुल गांधी के रथ पर सवार होने से कन्हैया कुमार को रोका गया था. उसके बाद से ही यह चर्चा तेज हो गई कि कन्हैया कुमार का कांग्रेस से मोहभंग हो सकता है. अब इसके संकेत जनसुराज की ओर से मिले हैं. पीके की पार्टी के सोशल मीडिया हेंडल पर इसे लेकर संकेत दिए गए हैं कि कन्हैया कुमार को जल्द ही पार्टी में शामिल कराया जा सकता है.
'JanSuraajForBihar' के सोशल मीडिया हेंडल से शुक्रवार को किये पोस्ट में लिखा गया है, 'दोस्तों, आप लोगों की कन्हैया कुमार के बारे में क्या राय है? वो कैसे नेता हैं? क्या उन्हें बिहार की राजनीति में कांग्रेस के साथ ही सक्रिय रहना चाहिए या किसी और पार्टी से हाथ मिलाना चाहिए? और क्या आपको नहीं लगता कि उन्हें केंद्र की बजाय बिहार की राजनीति में ज़्यादा सक्रिय होना चाहिए?' गौरतलब है कि पीके अपनी पार्टी को बिहार में मजबूत करने के लिए पूरी तरह से सजग हैं. वे कई ऐसे लोकप्रिय चेहरों को पार्टी में शामिल करा रहे हैं जो प्रसिद्ध हैं. पिछले दिनों ही यूट्यूबर मनीष कश्यप को जनसुराज में शामिल कराया गया था. अब युवा चेहरे के तौर पर कन्हैया कुमार पर डोरे डाले जा रहे हैं.
कौन हैं कन्हैया कुमार
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार मूल रूप से बिहार के बेगूसराय के बीहट गांव के हैं. उन्होंने अपनी सियासी पारी की शुरुआत वामदलों के साथ की. उनके जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष रहने के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' के नारे लगने का आरोप लगा लेकिन पुलिस आज तक यह साबित करने में विफल रही कि कन्हैया वहां मौजूद थे. बेगूसराय से लोकसभा चुनाव में वामदल के टिकट पर किस्मत आजमाए लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए. पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस के टिकट पर उतरे लेकिन सफलता नहीं मिली.
रथ पर नहीं मिली जगह
दरअसल, कन्हैया कुमार को राहुल गांधी और तेजस्वी की मौजूदगी वाले उस रथ पर जगह नहीं मिलने की बातें कही जा रही हैं जिस पर सवार होकर बिहार बंद को सफल बनाने महागठबंधन के नेता निकले थे. बिहार बंद को लेकर राहुल गांधी पटना में महागठबंधन नेताओं संग सड़क पर उतरे. इसके पहले कन्हैया कुमार भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन करते नजर आये. लेकिन जिस रथ पर सवार होकर राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव बिहार बंद को लीड कर रहे थे उस पर कन्हैया कुमार को जगह नहीं मिलने की बातें कही जा रही है.
प्रदर्शन के दौरान का एक वीडियो वायरल है जिसमें रथ से नीचे उतरते कन्हैया कुमार को देखा जा रहा है. उस दौरान राहुल, तेजस्वी सहित करीब एक दर्जन महागठबंधन के नेता रथ पर सवार थे. लेकिन युवा चेहरे के रूप में पेश किये जा रहे कन्हैया को रथ पर जगह नहीं मिलने से अब कई किस्म की चर्चा है. इसमें तेजस्वी यादव के साथ उनकी दूरी की बातें भी कहीं जा रही है.
तेजस्वी से छत्तीस का आंकड़ा !
28 सितंबर 2021 को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद से ही कन्हैया और तेजस्वी को लेकर बिहार की सियासत में दरार की खबरें हैं. इसी वर्ष बिहार कांग्रेस की 16 मार्च से शुरू हो रही 'नौकरी दो, पलायन रोको' यात्रा को जब कन्हैया कुमार लीड कर रहे थे, उस दौरान भी इसे लेकर तेजस्वी की नाराजगी की खबरें कथित रूप से आई थी. इसके पहले बेगूसराय से सीपीआई के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद कन्हैया ने कांग्रेस ज्वाइन की थी. लेकिन वो बिहार में बतौर कांग्रेसी नेता कभी एक्टिव नहीं हुए, बल्कि उनके साथ मंच शेयर करने में तेजस्वी की असहजता ख़बर बनती रही.
राजद ने उतारा था उम्मीदवार
साल 2019 में बेगूसराय में कन्हैया ने चुनाव लड़ा तो राजद ने तनवीर हसन को भी मैदान में उतारा था. मई 2023 में पटना में आयोजित प्रज्ञापति सम्मेलन में कन्हैया के शामिल होने पर मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाए गए तेजस्वी यादव ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली थी. हालांकि हाल ही में जून में कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार में महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव है और अगर महागठबंधन चुनाव जीतती है तो तेजस्वी यादव ही सीएम बनेंगे. कन्हैया कुमार ने कहा कि इस मामले में कोई कन्फ्यूजन नहीं है.