Cyber Crime: सावधान ! साइबर ठग इस खतरनाक तरीके से दे रहे ठगी की घटना को अंजाम, मिनटों में खाली कर दे रहे बैंक अकाउंट्स, भूल कर भी ना करें ये काम...

Cyber Crime: साइबर ठग साइबर ठगी के मामले को अब तरीके से अंजाम दे रहे हैं। साइबर ठग के इस तरीके से मिनटों में आपके बैंक बैंक अकाउंट्स से पैसे गायब हो जाएंगे, ऐसे में लोगों को अधिक सावधान रहने की आवश्कता है....

साइबर क्राइम
cyber fraud New formula- फोटो : social media

Cyber Crime: देशभर में साइबर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। आम से लेकर खास लोग साइब ठगों के निशाने पर हैं। वहीं साइबर ठग अब साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए नए फॉर्मूले को अपना रहे हैं। ऐसे में साइबर ठगों से लोगों को सावधान रहने की आवश्कता है। दरअसल, साइबर अपराधियों ने बैंक खातों से पैसा उड़ाने का एक नया और खतरनाक तरीका इजाद कर लिया है। अब ये ठग ओटीपी मांगने की बजाय खाताधारकों को झांसे में लेकर कॉल मर्ज करने को कह रहे हैं। जैसे ही ग्राहक अनजान नंबर से आई कॉल को किसी अन्य कॉल के साथ मर्ज करता है, उनके मोबाइल का एक्सेस हैकर को मिल जाता है। जिससे उनके बैंक खातों से राशि गायब हो जाती है।

कैसे करते हैं ठगी?

जांच में सामने आया है कि अपराधी पहले एक व्यक्ति को फोन कर किसी तकनीकी समस्या या फिर बैंक से जुड़ी जरूरत बताकर कॉल करते हैं। इसके बाद वे कहते हैं कि कुछ देर में एक और कॉल आएगा जिसे मर्ज कर लें। जब कॉल मर्ज होता है तो ग्राहक की डिवाइस एक लिंक से कनेक्ट हो है जो हैकर के डिवाइस से जुड़ा होता है। इस प्रक्रिया में ग्राहक की स्क्रीन हैकर के पास "मिरर" हो जाती है।

बिना ओटीपी, बिना पासवर्ड भी खातों से पैसा गायब

रिपोर्ट की मानें तो जिले के कई बैंकों में आधा दर्जन से ज्यादा ऐसी शिकायतें आई हैं, जिनमें ना ओटीपी शेयर हुआ, ना पासवर्ड, फिर भी खातों से पैसा निकल गया। जांच में पाया गया कि सभी मामलों में कॉल मर्ज की गई थी।  कुछ मामलों में ग्राहकों को कॉल पर यह कहा गया कि कोई अधिकारी बात करेगा, कृपया कॉल मर्ज कर लें। कॉल मर्ज होते ही कुछ मिनट के अंदर उनके खातों से हजारों की राशि निकल गई।

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सावधान रहें, सतर्क रहें

साइबर सेल के विशेषज्ञ की मानें तो यह कॉल मर्जिंग एक फिशिंग लिंक या स्पाईवेयर से जुड़ी होती है। कॉल मर्ज होते ही हैकर को फोन का रियल टाइम मिरर एक्सेस मिल जाता है। जिससे वह स्क्रीन पर हो रही हर एक्टिविटी को देख सकता है और बैंकिंग ऐप या ई-वॉलेट्स के माध्यम से फर्जी ट्रांजैक्शन कर सकता है। बैंक प्रबंधन ने ग्राहकों को नई किस्म की साइबर ठगी के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि बैंक कभी भी कॉल मर्ज या इस तरह की किसी प्रक्रिया की मांग नहीं करता। ग्राहकों से कहा गया है कि अगर ऐसी कोई कॉल आए तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या स्थानीय थाने में सूचना दें।

साइबर सेल की सलाह

अनजान नंबर से आई कॉल को कभी भी मर्ज न करें

बैंकिंग ऐप को बायोमेट्रिक लॉक से सुरक्षित रखें

फोन में स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स इंस्टॉल करने से बचें

किसी भी लिंक या कॉल पर अंजान व्यक्ति की बातों में न आएं

बैंक और प्रशासन ने शुरू की जागरूकता मुहिम

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