Bihar News: 'गरीबों के मुफ्त राशन पर गिद्ध निगाह', डीलरों से वसूला जा रहा 40 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन, राजद नेता ने डीएम से की शिकायत

Bihar News: राजद नेता और बिहार राजद महासचिव शाश्वत गौतम ने दावा किया है कि अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों में राशन डीलरों से 40 रुपए प्रति क्विंटल की अवैध वसूली की जा रही है। उन्होंने इस बाबत मोतीहारी डीएम को आवेदन दिया है...

गेहूं
राजद नेता ने डीएम से की शिकायत - फोटो : social media

Bihar News:  बिहार के मोतीहारी जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी अनुसार पकड़ीदयाल अनुमंडल क्षेत्र में सरकार की महत्वाकांक्षी मुफ्त राशन योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। गरीबों के हक के राशन पर अधिकारियों और दलालों की ‘गिद्ध नजर’ होने की बात कही जा रही है।

राजद नेता ने डीएम से की शिकायत 

राजद नेता और बिहार राजद महासचिव शाश्वत गौतम ने दावा किया है कि अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों में राशन डीलरों से 40 रुपए प्रति क्विंटल की अवैध वसूली की जा रही है। उन्होंने इस बाबत मोतीहारी डीएम को आवेदन दिया है और कई दलालों के मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराए हैं।

शिकायत के बाद प्रशासन में हड़कंप

राजद नेता की शिकायत के बाद स्थानीय प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। आरोप है कि कमीशन की वसूली के दबाव के कारण डीलर गरीबों को मिलने वाले राशन में कटौती कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ महीने पहले भी राजद नेता की शिकायत के बाद प्रशिक्षु IAS अधिकारी के हस्तक्षेप पर पकड़ीदयाल अनुमंडल के अधिकांश क्षेत्रों में अवैध वसूली बंद हो गई थी। हालांकि पताही प्रखंड को छोड़कर अब फिर से वसूली शुरू होने की चर्चा है। 

सोशल मीडिया पर भी छिड़ी बहस

इतना ही नहीं, पूर्व की ‘बाकी’ कमीशन की वसूली के लिए भी डीलरों पर दबाव बनाए जाने की बात सामने आई है। राजद नेता शाश्वत गौतम ने अपने फेसबुक अकाउंट पर आवेदन की कॉपी साझा की है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर मामला और गरम हो गया है। लोग तंज कस रहे हैं कि कमीशनखोरी के खेल में गरीबों की थाली से हर महीने एक किलो राशन गायब हो जा रहा है। 

पिछले साल भी था बड़ा विवाद

कुछ लोग यह भी आरोप लगा रहे हैं कि एक प्रखंड में खाद्यान्न से जुड़े पदाधिकारी खुद को एक आईपीएस अधिकारी का संबंधी बताकर प्रति माह अवैध वसूली करते हैं। गौरतलब है कि करीब डेढ़ वर्ष पहले भी इसी तरह राशन में बढ़ते भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के विरोध में एक स्थानीय नेता ने होलिका दहन के दिन ‘भ्रष्टाचार रूपी रावण दहन’ करने का ऐलान किया था, जो पूरे बिहार में चर्चा का विषय बना था।