Bihar Politics: डिप्टी सीएम विजय सिन्हा दें इस्तीफा, राजेश राम ने लगाए गंभीर आरोप, SIR में हुआ बड़ा षड्यंत्र
Bihar Politics: बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने इस्पीफे की मांग की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि, बीजेपी के निशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है...

Bihar Politics: बिहार में एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सियासी भूचाल तेज है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के पास दो दो वोटर आईडी कार्ड है। तेजस्वी के द्वारा गंभीर आरोप लगाने के बाद अब बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा से इस्तीफे की मांग करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। राजेश राम का कहना है कि विजय सिन्हा का नाम मतदाता सूची में दो विधानसभा क्षेत्रों बांकीपुर और लखीसराय में दर्ज है, जो एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के लिए गंभीर मामला है।
इस्तीफा दें विजय सिन्हा
उन्होंने आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री ने अपने हलफनामे में यह जानकारी छिपाई होगी और अगर चुनाव आयोग में सुधार के लिए आवेदन देने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई, तो यह साफ दर्शाता है कि आयोग उनकी भी नहीं सुन रहा। राजेश राम के अनुसार, यह घटना 'अपराधिक श्रेणी' में आती है और इसमें बीजेपी नेताओं की मिलीभगत है।
सवाल चुनाव आयोग से पूछो त जवाब बीजेपी देता है...
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कि सवाल चुनाव आयोग से पूछा जाता है, लेकिन जवाब बीजेपी देती है। बीजेपी ने चुनाव आयोग को अपने कब्जे में रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और सरकार में बैठे लोग मिलकर षड्यंत्र रच रहे हैं। राजेश राम ने आगे कहा कि अगर यहां वोट चोरी नहीं होती, तो केंद्र में आज की सरकार नहीं होती। केंद्र सरकार की दो बैसाखियां बिहार में नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू हैं।
नाम हटाने के लिए दिया था आवेदन
उन्होंने यह भी जोड़ा कि जो लोग बिहार के मतदाताओं पर फर्जी वोटर का आरोप लगाते हैं, उन्हें ऐसे सवाल नहीं उठाने चाहिए। वहीं तेजस्वी यादव के आरोपियों का जवाब देते हुए "विजय सिन्हा ने कहा कि अप्रैल 2024 में उन्होंने लखीसराय के मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया था। इससे पहले वे पटना के कदमकुआं में रहते थे और बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता थे। उन्होंने बताया कि नामांतरण की प्रक्रिया के तहत उन्होंने बांकीपुर से नाम हटाने का आवेदन भी समय पर दे दिया था। किसी कारण से उनका नाम नहीं हटा। सिन्हा के अनुसार, SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया के बाद जब वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित हुआ, तब उन्हें पता चला कि बांकीपुर से उनका नाम अब तक नहीं हट पाया है। इसके बाद उन्होंने 5 अगस्त 2025 को फिर से BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) को बुलाकर नाम विलोपित करने का फॉर्म भरा और इसकी रिसीविंग भी सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत की"
पटना से अभिजीत की रिपोरेट