दुलारचंद की मौत के मामले में निर्वाचन आयोग हुआ एक्टिव, घटना की डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
दुलारचंद यादव के मर्डर केस में निर्वाचन आयोग ने घटना की गंभीरता को देखते हुए बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) से तत्काल और विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
 
                            Patna - बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच पटना जिले की मोकामा सीट पर हुई दुलारचंद यादव की हत्या ने चुनावी हिंसा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह और जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के काफिले के बीच हुए हिंसक टकराव के बाद हुई। इस जघन्य वारदात पर अब केंद्रीय चुनाव आयोग (EC) ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने घटना की गंभीरता को देखते हुए बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) से तत्काल और विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
आयोग ने डीजीपी विनय कुमार को आदेश दिया है कि वो गोलीबारी और हत्या से जुड़ी पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट तुरंत भेजें। चुनाव आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वो किसी भी कीमत पर चुनावी हिंसा और अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेगा
अब तक तीन एफआईआर दर्ज
एसपी ग्रामीण विक्रम सिंह ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में अब तक कुल तीन प्राथमिकियाँ (FIR) दर्ज की गई हैं और पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। मृतक दुलारचंद यादव का अंतिम संस्कार गुरुवार को तीन डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किए जाने के बाद किया गया। इस हत्याकांड को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने भी गंभीरता दिखाते हुए GDP से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
एसपी ग्रामीण विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि पुलिस ने अलग-अलग शिकायतों के आधार पर तीन FIR दर्ज की हैं। पहली FIR, जो मृतक के पोते द्वारा दर्ज कराई गई है, उसमें 5 अभियुक्तों को नामजद किया गया है। दूसरी FIR में 6 अभियुक्त बनाए गए हैं। वहीं, पुलिस की ओर से दर्ज तीसरी FIR में अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने पुष्टि की है कि इस मामले में जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह सहित कई नाम सामने आ चुके हैं।
घटना को फिर दोहराएगी पुलिस
एसपी ग्रामीण विक्रम सिंह ने बताया कि जांच में पुलिस को मिल रहे वीडियो फुटेज का सहारा लिया जा रहा है, और पुलिस पूरी घटना की कड़ियों को जोड़ने के लिए घटनास्थल का सीन रिकंस्ट्रक्शन कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि संदिग्धों की तलाश में छापेमारी जारी है। चुनावी माहौल में हुई इस हाई-प्रोफाइल हत्या के बाद पुलिस और प्रशासन दोनों ही पक्षों पर जल्द से जल्द मामले की तह तक पहुंचने का दबाव है।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    