Nitish Cabinet: नीतीश के 10वें मंत्रिमंडल में पटना, वैशाली, बेगूसराय का जलवा, 16 जिले हुए बाहर, जातीय-सामाजिक समीकरण और राजनीतिक भूगोल का अनोखा संतुलन
Nitish Cabinet:नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार का 10वां मंत्रिमंडल साफ दिखाता है कि सत्ता का भूगोल और समाजशास्त्र, दोनों बेहद सोच-समझकर तैयार किए गए हैं। बिहार के 38 जिलों में से 16 जिलों को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला, जबकि 19 जिलों से सिर्फ एक-एक चेहरे को कैबिनेट में जगह दी गई। लेकिन तस्वीर का सबसे दिलचस्प हिस्सा यह है कि पटना, वैशाली और बेगूसराय—इन तीन जिलों का इस बार सबसे ज़्यादा बोलबाला रहा।नई सरकार में कुल 27 मंत्री हैं,बीजेपी : 14,जेडीयू : 9,एलजेपी-आर : 2,एचएएम : 1, आरएलएम : 1चिराग पासवान ने अपने कोटे से संजय पासवान और संजय सिंह को मंत्री बनवाया, जबकि जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ने अपने-अपने बेटों संतोष सुमन और दीपक प्रकाश को कैबिनेट में जगह दिलाई—परिवारवाद की यह झलक बिहार की राजनीति का पुराना ‘रिवाज़’ भी है।नीतीश कैबिनेट में—पटना से 3, वैशाली से 3, बेगूसराय से 2, बाकी जिलों से एक-एक मंत्री, जबकि कटिहार, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, सीतामढ़ी, शिवहर, सारण, बक्सर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद, बांका और भागलपुर को इस बार प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।
यह स्पष्ट है कि मंत्रिमंडल का पैमाना पूरी तरह चुनावी प्रदर्शन + राजनीतिक समीकरण + जातीय बैलेंस के आधार पर तय किया गया।
27 में से 22 विधायक,4 विधान पार्षद,और 1 ऐसे मंत्री जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं—यानी दीपक प्रकाश।
संभावना है कि उन्हें बीजेपी कोटे से एमएलसी बनाया जाएगा।
सबसे अधिक राजपूत जाति के 4 मंत्री शामिल किए गए।इसके बाद कई प्रभावशाली जाति-समूहों को 2-2 मंत्री मिले कुर्मी, कोइरी, भूमिहार, यादव, निषाद, दुसाध।
एक-एक मंत्री पद्धति में ब्राह्मण, धानुक, रविदास, मुसहर, पासी, कायस्थ, सूड़ी, तेली और कानू शामिल हैं।जेडीयू के इकलौते मुस्लिम विधायक जमा खान को मंत्री बनाकर अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित किया गया।
अगर बिहार के 9 सांस्कृतिक-भौगोलिक क्षेत्रों के हिसाब से देखें, तो
मगध : 6 मंत्री
मिथिला : 5 मंत्री
तिरहुत : 4 मंत्री
अंग : 3 मंत्री
सीमांचल : 2 मंत्री
सारण : 2 मंत्री
शाहाबाद : 2 मंत्री
चंपारण : 2 मंत्री
कोसी : 1 मंत्री
यह वितरण साफ दिखाता है कि नीतीश कुमार ने किसी भी क्षेत्र को अनदेखा नहीं किया, लेकिन सत्ता का असली केंद्र अभी भी मगध–तिरहुत–मिथिला का त्रिकोण ही है।
नाम पद सीट पार्टी जाति जिला क्षेत्र
नीतीश कुमार मुख्यमंत्री एमएलसी जेडीयू कुर्मी पटना मगध
सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम तारापुर बीजेपी कोइरी मुंगेर अंग
विजय सिन्हा डिप्टी सीएम लखीसराय बीजेपी भूमिहार लखीसराय अंग
विजय चौधरी मंत्री सरायरंजन जेडीयू भूमिहार समस्तीपुर मिथिला
बिजेंद्र यादव मंत्री सुपौल जेडीयू यादव सुपौल कोसी
श्रवण कुमार मंत्री नालंदा जेडीयू कुर्मी नालंंदा मगध
मंगल पांडेय मंत्री सीवान बीजेपी ब्राह्मण सीवान सारण
दिलीप जायसवाल मंत्री एमएलसी बीजेपी कलवार किशनगंज सीमांचल
अशोक चौधरी मंत्री एमएलसी जेडीयू दलित शेखपुरा मगध
लेशी सिंह मंत्री धमदाहा जेडीयू राजपूत पूर्णिया सीमांचल
मदन साहनी मंत्री बहादुरपुर जेडीयू निषाद दरभंगा मिथिला
नितिन नबीन मंत्री बांकीपुर बीजेपी कायस्थ पटना मगध
रामकृपाल यादव मंत्री दानापुर बीजेपी यादव पटना मगध
संतोष सुमन मंत्री एमएलसी हम दलित गया मगध
सुनील कुमार मंत्री भोरे जेडीयू दलित गोपालगंज सारण
जमा खान मंत्री चैनपुर जेडीयू मुस्लिम कैमूर शाहाबाद
संजय सिंह टाइगर मंत्री आरा बीजेपी राजपूत भोजपुर शाहाबाद
अरुण शंकर प्रसाद मंत्री खजौली बीजेपी सूड़ी मधुबनी मिथिला
सुरेंद्र मेहता मंत्री बछवाड़ा बीजेपी धानुक बेगूसराय मिथिला
नारायण प्रसाद मंत्री नौतन बीजेपी तेली प. चंपारण चंपारण
रमा निषाद मंत्री औराई बीजेपी निषाद मुजफ्फरपुर तिरहुत
लखेंद्र रौशन मंत्री पातेपुर बीजेपी दलित वैशाली तिरहुत
श्रेयसी सिंह मंत्री जमुई बीजेपी राजपूत जमुई अंग
प्रमोद कुमार मंत्री मोतिहारी बीजेपी कानू पू. चंपारण चंपारण
संजय पासवान मंत्री बखरी लोजपा-आर दलित बेगूसराय मिथिला
संजय सिंह मंत्री महुआ लोजपा-आर राजपूत वैशाली तिरहुत
दीपक प्रकाश मंत्री सदस्य नहीं रालोमो कोइरी वैशाली तिरहुत
मंत्रिमंडल में कुर्मी, कोइरी, राजपूत, यादव, भूमिहार, दलित, निषाद, मुसलमान, ब्राह्मण और कलवार से लेकर सूड़ी, तेली, धानुक और कानू—लगभग हर प्रमुख जाति को प्रतीकात्मक या निर्णायक हिस्सेदारी दी गई है।सीएम नीतीश कुमार खुद मगध से आते हैं जबकि दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा अंग क्षेत्र से हैं।