bihar Cabinet - कचरे से बनेगी बिजली, पटना में इस जगह लगेगा वेस्ट डिस्पोजल प्लांट, नीतीश सरकार ने दी मंजूरी

bihar Cabinet - बिहार में घरों और दुकानों से निकले कचरे से बिजली बनाया जाएगा। इसके लिए वेस्ट डिस्पोजल प्लांट बनाया जाएगा।

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Patna - बिहार सरकार ने 90 परसेंट उपभोक्ताओं के 125 फ्री बिजली देने की घोषणा की है। अब सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। बिहार में अब कचरे से बिजली बनाई जाएगी। इसके लिए पटना में इसके लिए वेस्ट डिस्पोजल (कूड़ा निस्तारण) प्लांट स्थापित किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इसके अनुसार, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर पटना क्लस्टर में एकीकृत ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन किया जाएगा। इस पर 515 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। 

13 जगहों से जमा किया जाएगा कचरा

इस प्लांट की क्षमता 1600 टन कचरा प्रतिदिन की होगी।  पटना, दानापुर, बिहटा, पुनपुन जैसे कुल 13 शहरों के कूड़ा और अपशिष्ट को इकट्ठा कर उनका निस्तारण किया जाएगा। इसका इस्तेमाल बायोगैस और बिजली बनाने में होगा।

राज्य सरकार के बयान के अनुसार इन संयंत्रों में वैज्ञानिक तरीके से कचरे की प्रोसेसिंग और डिस्पोजल किया जाएगा। इससे शहर स्वच्छ और कचरा मुक्त बनेंगे। पर्यावरण में सुधार होगा और वायु प्रदूषण में कमी आएगी। साथ ही स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में भी सुधार आएगा। बायो-मिथिनेशन प्रबंधन से बायोगैस का उत्पादन किया जाएगा। इसका उपयोग रिन्यूएबल एनर्जी के रूप में होगा। बायोगैस और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से बिजली का उत्पादन होगा।

700 टन का कंपोस्ट प्लांट

इसके अलावा, 100 टन प्रतिदिन क्षमता वाला बायो-मिथिनेशन प्लांट, 50 टन प्रतिदिन क्षमता वाला एमआरएफ प्लांट, 700 टन प्रतिदिन क्षमता वाला कंपोस्ट प्लांट, 325 प्रतिदिन क्षमता की सैनेटरी लैंडफिल सुविधा और 250 टन प्रतिदिन क्षमता का एमआरएफ सह आरडीएफ प्लांट की स्थापना की जाएगी।

देश में पहली बार ऐसी योजना के लिए अनुदान

देश में पहली बार केन्द्र सरकार द्वारा सी राज्य को सामाजिक आधारभूत परियोजना अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भायाविलीटी गैप फंडिंग (वी०जी०एफ०) योजना के लिए 154.38 करोड़ (एक सौ चौवन करोड़ अड़तीस लाख रु०) अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। 30 प्रतिशत से अधिक वी०जी०एफ० की राशि कोट किये जाने की स्थिति में अंतर राशि का वहन राज्य सरकार द्वारा रिंगफेंस खाता से किया जायेगा।