चुनावी मौसम और दशहरा पर पटना हुआ किला बंद,1500 अर्धसैनिक, 900 ट्रेनी और स्पेशल फोर्स तैनात, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
दशहरा का मेला शुरू होने से पहले ही रैपिड एक्शन फोर्स , बिहार सैन्य पुलिस और सीआरपीएफ की सात कंपनियां भी राजधानी में उतार दी गई हैं।

Bihar News: पटना इस वक़्त किलेबंदी में तब्दील हो चुका है। आगामी विधानसभा चुनाव और दशहरा दुर्गा पूजा जैसे बड़े आयोजनों को देखते हुए राजधानी की सुरक्षा में भारी-भरकम इंतज़ाम किए गए हैं। तकरीबन 16 कंपनियां अर्धसैनिक बलों की यानी डेढ़ हज़ार से ज़्यादा जवान पटना पहुँच चुके हैं। ये जवान पटना पुलिस के साथ मिलकर गश्त, छापेमारी और चेकिंग प्वाइंट पर ड्यूटी देंगे।
दशहरा का मेला शुरू होने से पहले ही रैपिड एक्शन फोर्स , बिहार सैन्य पुलिस और सीआरपीएफ की सात कंपनियां भी राजधानी में उतार दी गई हैं। इनकी तैनाती पूजा पंडालों से लेकर विसर्जन स्थलों तक अलग-अलग इलाकों में होगी। साथ ही नौ सौ प्रशिक्षु पुलिसकर्मी भी फील्ड पर सक्रिय रहेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए गांधी मैदान, डाकबंगला चौराहा और एक अन्य अहम लोकेशन पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। इन कंट्रोल रूम्स को सीसीटीवी कैमरों से जोड़ा गया है। पुलिसकर्मी 24 घंटे शिफ्ट बदलकर स्क्रीन पर नज़र रखेंगे। दंगा नियंत्रण यूनिट भी अलर्ट मोड पर रहेगी।
थाना स्तर पर भी गश्त तेज़ कर दी गई है। हर थाने को आदेश मिला है कि अपने इलाक़े में सघन चेकिंग और गश्त जारी रखे। किसी भी अफवाह या उपद्रव की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की तैयारी की गई है।
पटना के एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने साफ़ कहा है कि सुरक्षा का पूरा ब्लूप्रिंट तैयार है और पुलिस-प्रशासन किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह चौकस है। उन्होंने यह भी बताया कि अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल चुनावी माहौल में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए भी किया जाएगा।
इस बार पटना पुलिस को 1400 से अधिक दुर्गा पूजा समितियों से आयोजन की अनुमति के लिए आवेदन मिले हैं। लाइसेंस देने की प्रक्रिया जारी है और हर आयोजन पर पुलिस की पैनी नज़र रहेगी।
कुल मिलाकर चुनावी सियासत और धार्मिक आयोजनों के बीच राजधानी पटना में सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य बना दी गई है। हर चौक-चौराहे पर पुलिस-बल, हर पंडाल पर निगरानी, और हर गली-कूचे में गश्त यह साफ़ संकेत है कि पटना प्रशासन कोई भी चूक बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।