Gopal Khemka Murder: कौन हैं कुमार अभिनव जिनको सौंपी गई गोपाल खेमका हत्याकांड जांच की जिम्मेदारी, आरोपियों से उगलवाएंगे सच!
Gopal Khemka Murder: गोपाल खेमका हत्याकांड मामले में अब जांच की जिम्मेदारी कुमारर अभिनव को सौंपी गई है। कुमार अभिनव अब इस मामले के हर पहलु की जांच करेंगे और सच के तह तक जाएंगे...

Gopal Khemka Murder: बिहार की राजधानी पटना के मशहूर व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड में अब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने खेमका हत्याकांड की जांच की जिम्मेदारी एक अनुभवी अफसर को सौंपी है। जानकारी अनुसार खेमका हत्याकांड की जांच अब बिहार पुलिस के एक अनुभवी और सुलझे अफसर कुमार अभिनव को सौंपी गई है। इस मामले में जल्द ही और भी खुलासे हो सकते हैं।
कौन हैं कुमार अभिनव
1994 बैच के इंस्पेक्टर अभिनव इससे पहले भी कई बड़े मामलों की सफलतापूर्वक जांच कर चुके हैं। वर्ष 2006 में पटना वीमेंस कॉलेज की प्रोफेसर पापिया घोष की हत्या के केस में भी वह इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (IO) रह चुके हैं। वहीं अब उन्हें गोपाल खेमका हत्याकांड की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने इस हत्याकांड की जांच शुरु भी कर दी है।
दो दिन की रिमांड की मांग
शुक्रवार को केस के नए IO कुमार अभिनव ने हत्याकांड के आरोपित उमेश यादव की दो दिन की पुलिस रिमांड पटना कोर्ट से मांगी। रिमांड की अर्जी पर अभियुक्त के वकील ने विरोध जताया, जिसके बाद कोर्ट ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रखा है। अगर पुलिस को रिमांड मिलती है, तो इस हत्याकांड से जुड़े कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
कई सवालों के जवाब अब भी स्पष्ट नहीं
गोपाल खेमका की हत्या के पीछे की असली वजह अब भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस ने भूमि विवाद को कारण बताया था लेकिन कौन सी जमीन विवाद की जड़ में थी यह अब तक सामने नहीं आया है। अब नए IO पुराने सभी तकनीकी साक्ष्यों जैसे CCTV फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड आदि की फिर से जांच करेंगे।
अब तक की कार्रवाई
मुख्य साजिशकर्ता अशोक साव और शूटर उमेश यादव को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों से पूछताछ के बावजूद हत्या की मूल वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। केस की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने अनुभवी अफसर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।
क्यों अहम है कुमार अभिनव की नियुक्ति?
पापिया घोष हत्याकांड (2006) जैसे हाई-प्रोफाइल मामले में भी उन्होंने सक्षम तरीके से जांच की थी। उनके पास तकनीकी और जमीनी जांच का लंबा अनुभव है। उम्मीद है कि उनकी देखरेख में हत्या के पीछे की असली साजिश से पर्दा उठेगा। गौरतलब है कि गोपाल खेमका को उनके आवास के गेट पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 2018 में उनके बड़े बेटे को भी इसी तरह मौत के घाट उतारा गया था। वहीं पुलिस अब इस मामले में जांच तेज कर दी है।