Gopal Khemka Murder: गोपाल खेमका की जान की कीमत 10 लाख रुपए, पटना पुलिस ने गैंगस्टार अजय वर्मा से तीसरे दिन भी की पूछताछ, पूछे ये 10 सवाल

Gopal Khemka Murder: गोपाल खेमका हत्याकांद में शामिल शूटर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। खेमका हत्याकांड का लिंक बेऊर जेल से जुड़ा हुआ मिल रहा है। इसे देखते हुए पुलिस लगातार तीसरे दिन आरोपी से पूछताछ की है।

Gopal Khemka murder
Gopal Khemka murder - फोटो : social media

Gopal Khemka Murder:  पटना के चर्चित बिजनेसमैन गोपाल खेमका हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस ने इस मामले में शूटर उमेश को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उमेश ने खुलासा किया कि यह हत्या 10 लाख रुपये में तय हुई थी। जिसमें उसे एक लाख मिलने थे। शूटर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की नजर अब इस साजिश के मास्टरमाइंड गैंगस्टर अजय वर्मा पर टिकी है। बेऊर जेल में बंद अजय वर्मा से पटना पुलिस ने तीन दिन में तीन बार पूछताछ की है। शनिवार, रविवार और सोमवार को पुलिस की टीमें जेल पहुंचीं। इस दौरान बिहार STF भी साथ रही।

अजय वर्मा पर पुलिस का शिकंजा

वहीं उमेश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की जांच अब इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड माने जा रहे गैंगस्टर अजय वर्मा पर केंद्रित हो गई है। बेऊर जेल में बंद अजय वर्मा से पटना पुलिस ने तीन दिन में तीन बार पूछताछ की। शनिवार, रविवार और सोमवार को पुलिस और बिहार STF की टीमों ने जेल पहुंचकर उससे करीब-करीब हर बार 20 से 25 मिनट तक गहन पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार अजय वर्मा ने पूछताछ के दौरान अपने गैंग से जुड़े कई लोगों के नाम बताए, जिनकी निशानदेही पर पटना सिटी के अलग-अलग इलाकों में छापेमारी कर पुलिस ने पांच से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस अब अजय वर्मा को रिमांड पर लेकर उससे और लंबी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कोर्ट में जल्द अर्जी दाखिल की जाएगी।

कौन है अजय वर्मा

अजय वर्मा ने 90 के दशक में पटना की अपराध दुनिया में कदम रखा। उसने अपने घर के सामने रहने वाले कुख्यात पिंकू चौधरी की हत्या कर अपराध की दुनिया में दस्तक दी। इसके बाद उसने खुद की गैंग बनाई और सुपारी लेकर हत्याएं करने लगा। धीरे-धीरे रंगदारी और अपहरण भी उसके अपराध के दायरे में शामिल हो गए। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अजय वर्मा की गैंग का नेटवर्क बिहार से झारखंड तक फैला है। अजय पटना के सुल्तानगंज का रहने वाला है। उसके पिता साइंस कॉलेज में क्लर्क थे, बड़ा भाई इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में अधिकारी रह चुका है और अब सेवानिवृत्त है। अजय की भाभी सीमा वर्मा पटना नगर निगम की पार्षद हैं।

अपराध की दुनिया में लंबा सफर

अजय वर्मा और उसकी गैंग ज्यादातर वारदातें रात के अंधेरे में अंजाम देते थे। बिजली कटने के बाद वह टारगेट को निशाना बनाते थे। बाद में उसने खुद हत्या करना छोड़ दिया और अपने गुर्गों से काम कराना शुरू कर दिया। जमीन कब्जे और खरीद-बिक्री में भी उसका दबदबा रहा। 2017 में गुड्डू मुनीर नाम के अपराधी ने कोर्ट जाते समय अजय वर्मा को गोली मार दी थी। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हुआ था। बाद में उसने दिल्ली में गुड्डू मुनीर की हत्या अपने शूटरों के जरिए करवा दी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में खजूरी खास थाने में उसके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है।

अजय वर्मा को पुलिस ने किया गिरफ्तार 

24 जून को बिहार STF और पटना पुलिस की टीम ने अजय वर्मा को उसके तीन साथियों के साथ हत्या की साजिश के मामले में गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके पास से एक विदेशी पिस्टल, एक देसी रिवॉल्वर, 98 जिंदा कारतूस, दो मैगजीन, चार मोबाइल फोन, एक डोंगल और एक SUV बरामद की। फिलहाल वह बेऊर जेल के गंगा खंड में बंद है।

पुलिस ने पूछे ये सवाल

पुलिस अजय वर्मा से यह जानने की कोशिश कर रही है कि गोपाल खेमका के साथ उसका क्या विवाद था,गोलाप खेमका और आपके बीच कैसा कनेक्शन था? क्या यह जमीन का मामला था, गोपाल खेमका हत्याकांड में आपकी क्या रोल है? हत्या की साजिश कब और किन लोगों के साथ मिलकर रची गई, घटना को अंजाम देने के लिए हथियार कहां से आए, शूटर और लाइनर कौन-कौन थे, हत्या से पहले कितनी बार रेकी की गई और किसने की। रेकी करने वाला कौन था?