Gorakhpur Siliguri expressway: बिहार के हिमालय से सटे तराई वाले जिलों में जमीन रखने वाले लोग जल्द ही मालामाल हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है। यह एक्सप्रेसवे 568.42 किलोमीटर लंबा होगा और बिहार तथा पूर्वोत्तर भारत के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इस परियोजना पर 37,465 करोड़ रुपये की लागत आएगी और लगभग 417.15 किलोमीटर सड़क बिहार से होकर गुजरेगी।
किन जिलों से गुजरेगा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे?
यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, और किशनगंज जिलों से होकर गुजरेगा। इसके लिए गंडक, बागमती और कोसी नदियों पर पुलों का भी निर्माण होगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 100 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिससे इन जिलों में जमीन के दाम बढ़ने की उम्मीद है।
एक्सप्रेसवे की खासियत: 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
इस छह लेन वाले एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति 120 किमी प्रति घंटे होगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा। इससे इन जिलों में रहने वाले लोगों को यातायात की बेहतरीन सुविधा मिलेगी और यात्रा भी तेज़ होगी।
एक्सप्रेसवे की संरचना और फायदे
एक्सप्रेसवे का निर्माण विशेष तौर पर किया जाता है ताकि यातायात तेज और सुचारू हो। इस एक्सप्रेसवे के किनारे कोई बसावट नहीं होगी, और इसे दोनों तरफ से रेलिंग से घेरा जाएगा। यह आबादी वाले इलाकों से बाहर रहेगा और सीधा मार्ग होगा। गाड़ियों के लिए एंट्री और एग्जिट पॉइंट बनाए जाएंगे, ताकि सफर के दौरान किसी रुकावट का सामना न करना पड़े।