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PATNA HIGHCOURT – सहायता अभियंताओं की नियुक्ति की अंतिम सूची में अनारक्षित उम्मीदवार के लिए फिर से कट ऑफ अंक निर्धारत करे बीपीएससी - हाईकोर्ट

PATNA HIGHCOURT - हाईकोर्ट ने बीपीएससी को सहायक अभियंताओं की नियुक्ति को लेकर अनरिजर्वड कैंडिडेट के लिए फिर से कट ऑफ निर्धारित करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि 90 दिन में निर्धारित कर अंतिम सूची प्रकाशित करें।

PATNA HIGHCOURT – सहायता अभियंताओं की नियुक्ति की अंतिम सूची में अनारक्षित उम्मीदवार के लिए फिर से कट ऑफ अंक निर्धारत करे बीपीएससी - हाईकोर्ट

PATNA  - पटना हाई कोर्ट ने सहायक अभियंता (सिविल इंजीनियरिंग) के अंतिम चयन सूची पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया। साथ ही आदेश के 90 दिनों के भीतर अनारक्षित उम्मीदवार के लिए कट-ऑफ अंक फिर से निर्धारित करने का आदेश दिया है। हालांकि कोर्ट ने पूर्व के मेधा सूची के आधार पर विभिन्न विभागों में नियुक्त उन उम्मीदवारों की सेवा में बाधा नहीं डालने का आदेश दिया है, जिनकी नियुक्ति विभिन्न विभागों में सहायक अभियंता (सिविल) के रूप में हो चुकी है।

 जस्टिस विवेक चौधरी  ने चार रिट याचिकाओं  पर सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किया। कोर्ट ने उम्मीदवारों की नियुक्ति पर विचार करने के लिए नई सूची बनाने का आदेश दिया। वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को उम्मीदवारों का नियुक्ति करने का आदेश दिया।  कोर्ट ने बीपीएससी के हर दलील को निराधार बताते हुए कहा कि विज्ञापन संख्या 03/2017 जो एक अलग पद पर नियुक्ति के लिए प्रकाशित किया गया था और जिन 7 विभागों के लिए   विज्ञापन (विज्ञापन संख्या 02/2017) जारी किया गया ,उनमें से केवल 4 का  विज्ञापन पर कोई असर नहीं है।

दोनों विज्ञापन में अलग अलग योग्यता

कोर्ट ने कहा कि दोनों विज्ञापनों में शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता अलग-अलग थी।साथ ही   दोनों विज्ञापनों के लिए प्रारंभिक परीक्षा, लिखित परीक्षा, साक्षात्कार अलग-अलग तारीखों पर आयोजित किए गए थे। इनके परिणाम भी पूरी तरह से अलग-अलग तारीखों पर प्रकाशित किए गए थे। वास्तव में विज्ञापन संख्या 03/2017 के लिए चयन प्रक्रिया वर्तमान विज्ञापन के लिए बीपीएससी के अधिसूचना दिनांक 20.02.2021प्रकाशित होने से बहुत पहले ही समाप्त हो चुका है।

अनारक्षित अभ्यर्थियों को मिल जाता प्रवेश

विज्ञापन संख्या 2/2017 के आधार पर, विभिन्न विभागों में सेवा के संबंध में अभ्यर्थियों से विकल्प मांगा गया था। मेधावी आरक्षित उम्मीदवार (एमआरसी) को अलग और विशिष्ट कैडर बनाने वाले अपने अपने विभागों में नियुक्ति का अधिकार था।ऐसा किया जाता, तो रिक्त आरक्षित श्रेणी में आवेदकों की तरह अनारक्षित अभ्यर्थियों का अपने आप ही प्रवेश हो जाता।

140 सीटें रह गई रिक्त

 साथ ही कट-ऑफ अंक अपने आप ही कम हो जाता।लेकिन न तो राज्य सरकार और ना ही बीपीएससी ने ऐसा किया, जिसके कारण विभिन्न विभागों में लगभग 140 सीटें रिक्त रह गई। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित सिद्धांतों के आधार पर सहायक अभियंता (सिविल इंजीनियरिंग) के अंतिम चयन सूची पर फिर से 90 दिनों के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया।लेकिन पहले से नियुक्त किसी भी उम्मीदवार को परेशान नहीं करने का आदेश दिया।

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