Bihar News: जीवित पत्नी को पति ने बताया मृत, जीवनसाथी के साथ कर दिया ऐसा खेला कि जान माथा पकड़ लेंगे आप, BDO ने की बड़ी कार्रवाई

Bihar News: पति ने अपनी जीवित पत्नी के साथ ही खेला कर दिया। पति ने पत्नी को मृत बताकर ऐसा खेल किया कि पत्नी के साथ साथ अब अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं.....

मृत्यु प्रमाण पत्र
पति ने पत्नी के साथ कर दिया कांड- फोटो : social media

Bihar News: पटना के धनरुआ प्रखंड के मुस्तफापुर गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक सरकारी कर्मचारी ने अपनी पत्नी को जीवित होते हुए भी सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित करा दिया। इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ तब हुआ जब मतदाता सूची अद्यतन के लिए पहुंची बीएलओ की टीम ने महिला से सीधे संपर्क किया।

पत्नी के साथ ही कर दिया खेला 

बताया गया है कि मुस्तफापुर निवासी शिवरंजन कुमार एक सरकारी विभाग में कार्यरत हैं। उन्होंने 5 मई 2025 को अपनी पत्नी निशा कुमारी की मृत्यु का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाया। उनका उद्देश्य था कि पत्नी को भविष्य में मिलने वाली पेंशन से वंचित किया जा सके। इस धोखाधड़ी में पंचायत के कई स्तरों के कर्मियों की मिलीभगत सामने आई है।

पत्नी का बनवाया मृत्यु प्रमाणपत्र 

जांच में सामने आया है कि शिवरंजन ने खुद अपनी पत्नी की मृत्यु का आवेदन किया था। हैरानी की बात यह है कि बिना किसी मेडिकल प्रमाण या पुलिस रिपोर्ट के ही प्रमाणपत्र निर्गत कर दिया गया। आवेदन पर स्थानीय मुखिया, पंचायत सचिव और आंगनबाड़ी सेविका ने भी अनुशंसा कर दी। प्रमाणपत्र में गवाह बनाए गए हरिराम शर्मा, उदय शर्मा, राधेश्याम और किरण देवी। पंचायत सचिव दीपू यादव ने जारी अधिसूचना पर हस्ताक्षर भी कर दिए।

अब जांच के घेरे में पूरा तंत्र

मामला सामने आने के बाद धनरुआ की प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) सीमा कुमारी ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि अनुशंसा देने वाले पंचायत प्रतिनिधियों, गवाहों और प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले कर्मियों को नोटिस भेजा जा रहा है। जांच पूरी होते ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि किसी जीवित महिला को बिना किसी ठोस दस्तावेज के मृत घोषित किया जा सकता है, तो इससे सरकारी तंत्र की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

RTI से हुआ पर्दाफाश

जब निशा कुमारी को अपने "मृत्यु प्रमाणपत्र" की जानकारी मिली तो उन्होंने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत मामले की पड़ताल की। आरटीआई के जवाब में जब यह सामने आया कि उनके पति ने ही उनके मृत्यु की झूठी सूचना देकर प्रमाणपत्र बनवाया था तो न केवल वे स्तब्ध रह गईं, बल्कि पूरा गांव चौंक उठा। ग्रामीणों के अनुसार, निशा और शिवरंजन के संबंध काफी समय से तनावपूर्ण थे। पति नहीं चाहते थे कि पत्नी को उनके रिटायरमेंट के बाद किसी तरह की पेंशन या लाभ मिल सके इसलिए उन्होंने यह षड्यंत्र रचा।